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Pro Tem speaker controversy: शुक्रवार 21  जून को लेकसभा के प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति की गई। हालांकि इसे लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच एक बार फिर से ठन गई है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भाजपा के इस फैसले पर सवाल उठाए। इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने भी पलटवार किया।

Pro tem speaker controversy: शुक्रवार 21  जून को लेकसभा के प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति की गई। हालांकि इसे लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच एक बार फिर से ठन गई है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भाजपा के इस फैसले पर सवाल उठाए। इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने भी पलटवार किया। रिजिजू ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए यहां तक कह दिया कि कांग्रेस का बयान शर्मनाक है। 

बीजेपी ने परंपरा तोड़ी: जयराम
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि परंपरा के अनुसार, सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले सांसद को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जाता है। उन्होंने कहा कि 18वीं लोकसभा में कांग्रेस के कोडिकुन्निल सुरेश अपना 8 वां कार्यकाल पूरा कर रहे हैं। बीजेपी के वीरेंद्र कुमार भी अपना 8वां कार्यकाल पूरा कर रहे हैं। मौजूदा समय में वीरेंद्र कुमार मंत्री हैं। इसलिए यह उम्मीद थी कि के सुरेश ही प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किए जाएंगे। हालांकि बीजेपी ने ऐसा नहीं किया।भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया है। यह लोकसभा की परंपरा के खिलाफ है।

दलित विरोधी मानसिकता का आरोप
जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि पीएम मोदी दलितों के खिलाफ हैं। के. सुरेश एक दलित हैं। ऐसे में हर कोई यही सोच रहा था कि के. सुरेश प्रोटेम को ही स्पीकर बनाया जाएगा। हमें 2024 में जनादेश संविधान के आधार पर हासिल हुआ है। वे लोग संविधान को बदलना चाह रहे थे। इसलिए हम कह रहे हैं कि वे लोग दलितों के खिलाफ हैं। भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर के तौर पर नियुक्त करके संविधान का अपमान किया गया है।

किरेन रिजिजू का पलटवार
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, "मुझे बहुत खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि मुझे शर्म आती है कि कांग्रेस पार्टी इस तरह की बातें करती है। प्रोटेम स्पीकर का यह पद बहुत ही अस्थायी होता है। प्रोटेम स्पीकर बस नए स्पीकर के चुने जाने तक ही अपनी भूमिका निभाते हैं।

परंपरा और नियमों का नहीं हुआ पालन
रिजिजू ने कहा कि भर्तृहरि महताब लगातार 7 बार सांसद रह चुके हैं। मौजूदा समय में वह सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले संसद सदस्य हैं। उन्होंने (कांग्रेस) सुरेश कोडिकुन्निल का नाम लिया। कोडिकुन्निल का कुल कार्यकाल 8 बार का रहा है। हालांकि, वह लगातार 8 बार के सांसद नहीं हैं। 1998 और 2004 के लोकसभा चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। हमने इसी परंपरा का पालन किया है।"

हमनें सभी नियमों और परंपराओं का पालन किया: रिजिजू
रिजिजू ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की इच्छा है कि यह विशेष सत्र अच्छे से चले। देश हम लोगों को देख रहा है। आज कांग्रेस ने कहा हैं कि प्रोटेम स्पीकर बनाते समय भाजपा ने नियम को तोड़ा है। लेकिन यह सही नहीं है। हमने सभी नियमों और परंपराओं का पालन किया है। बता दें कि इस विवाद ने एक बार फिर से भाजपा और कांग्रेस के बीच राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। 18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से शुरू होगा, जिसमें नए सांसद शपथ लेंगे और नए स्पीकर का चुनाव होगा।

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