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Rajkot Gaming Zone Fire: गुजरात सरकार ने हाल ही में राजकोट शहर के पुलिस कमिश्नर सहित छह हाई-प्रोफाइल अधिकारियों का तबादला किया है। यह कदम पिछले हफ्ते शहर के एक गेमिंग जोन में घातक आग लगने के बाद गुजरात हाई कोर्ट की कड़ी फटकार के परिणामस्वरूप उठाया गया है

Rajkot Gaming Zone Fire: गुजरात सरकार ने सोमवार 26 मई को राजकोट शहर के पुलिस कमिश्नर सहित छह हाई-प्रोफाइल अधिकारियों का तबादला किया है। यह कदम पिछले हफ्ते शहर के एक गेमिंग जोन में घातक आग लगने के बाद गुजरात हाई कोर्ट की कड़ी फटकार के परिणामस्वरूप उठाया गया है। इस घटना ने न केवल राज्य प्रशासन को कार्रवाई के लिए मजबूर किया बल्कि न्यायपालिका की गंभीरता और जवाबदेही की आवश्यकता को भी उजागर किया।

इन अधिकारियों का हुआ तबादला
कोर्ट की फटकार के बाद गुजरात सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए राजकोट पुलिस कमिश्नर राजू भार्गव का तबादला कर उनकी जगह ब्रिजेश कुमार झा को नियुक्त किया। इसके अलावा, राजकोट शहर की एडिशनल पुलिस कमिश्नर विधि चौधरी और डीसीपी-जोन-2 सुधीरकुमार जे देसाई का भी ट्रांसफर किया गया। राजकोट म्यूनिसिपल कमिश्नर आनंद पटेल को भी उनके पद से हटा दिया गया और उनकी जगह डीपी देसाई को नियुक्त किया गया।गुजरात सरकार ने पहले ही अग्निकांड के सिलसिले में छह अधिकारियों को निलंबित कर दिया था। 

27 लोगों की हुई थी मौत
राजकोट के नाना-मावा इलाके में स्थित टीआरपी गेम जोन में 25 मई को आग लगने से बच्चों समेत 27 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी। यह घटना अत्यंत भयावह थी और इसकी गंभीरता ने पूरे राज्य को हिलाकर रख दिया। प्रारंभिक जांच से पता चला कि सुरक्षा मानकों की भारी अनदेखी और नियमों का उल्लंघन इस त्रासदी का मुख्य कारण थे।

हाई कोर्ट ने लगाई फटकार
गुजरात हाई कोर्ट ने इस घटना पर सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार और नगर निगम को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने पूछा कि क्या गेमिंग जोन के निर्माण और संचालन के दौरान अधिकारियों ने अनदेखी की थी। कोर्ट ने इस बात पर भी जोर दिया कि 2021 में गेम जोन की स्थापना से लेकर 25 मई की घटना तक के सभी नगर निगम कमिश्नरों को इस हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।

हाई कोर्ट ने टिप्पणी की, "इतने कठोर कदम कौन उठाएगा? ईमानदारी से कहूं तो अब हमें राज्य मशीनरी पर भरोसा नहीं है। इस अदालत के आदेशों के चार साल बाद, उन्हें निर्देश देने के बाद, उनके आश्वासन के बाद, यह छठी घटना हुई है। वे सिर्फ चाहते हैं कि लोगों की जान जाए जो मशीनरी को ट्रिगर करे।" कोर्ट की इन टिप्पणियों ने स्पष्ट रूप से राज्य प्रशासन की लापरवाही को उजागर किया और उन्हें त्वरित और कड़े कदम उठाने के लिए मजबूर किया।

हाईकोर्ट ने सभी नगर निगमों को किया तलब
इस मामले में हाईकोर्ट ने सोमवार को राज्य सरकार और सभी नगर निगमों को तलब किया। अगली सुनवाई में उम्मीद है कि निगम द्वारा अग्नि सुरक्षा नियमों के उल्लंघन और गेमिंग जोन को दी गई अनुमति के संबंध में विस्तृत स्पष्टीकरण पेश किया जाएगा।  एसआईटी के प्रमुख और अतिरिक्त पुलिस महानिदेश सुभाष त्रिवेदी की अगुवाई में घटना के लिए जिम्मेदार लोगों का पता लगाने के लिए तत्काल जांच शुरू की जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भविष्य में इस तरह की घटना दोबारा नहीं हो।

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