S. Jaishankar on POK: भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कश्मीर मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है। कहा, जम्मू-कश्मीर की अधिकांश समस्याओं का समाधान हो चुका है, लेकिन पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) की वापसी के बाद अन्य समस्याएं भी दूर हो जाएंगी। उन्होंने धारा-370 को हटाए जाने, विकास कार्यों, आर्थिक गतिविधियों और सामाजिक न्याय बहाल करने और शांति पूर्ण चुनाव को उपलब्धि बताई है।
पीओके पर जयशंकर का कड़ा संदेश
- विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर की केवल वही समस्या बची है, जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे में मौजूद क्षेत्र से जुड़ी है। उन्होंने कहा, पीओके भारत का हिस्सा है और इसे वापस लेना राष्ट्रीय प्रतिबद्धता है।
- एस. जयशंकर ने कहा, हमारी सरकार ने कश्मीर में बहुत अच्छा काम किया है। अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद विकास और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लगातार प्रयास हो रहे हैं।
- कश्मीर में हमने सफलतापूर्वक चुनाव कराए। अब उस हिस्से की वापसी का इंतजार कर रहे हैं, जो पाकिस्तान के कब्जे में है। जिस दिन यह मिल जाएगा, कश्मीर मुद्दे का पूरी तरह से समाधान हो जाएगा।
पीओके की वापसी पर राष्ट्रीय प्रतिबद्धता
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 9 मई, 2024 को भी कहा था कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) भारत का हिस्सा है और सभी भारतीय राजनीतिक दल इसे वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध है। दिल्ली विश्वविद्यालय के गार्गी कॉलेज में छात्रों से संवाद के दौरान उन्होंने बताया था कि हमारी संसद का एक प्रस्ताव है कि पीओके भारत का अभिन्न अंग है। देश का हर राजनीतिक दल इसे भारत में वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध है।
अनुच्छेद 370 हटने के बाद पीओके पर बढ़ी चर्चा
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद पीओके के मुद्दे पर सोचने का नया नजरिया मिला है। पीओके को ज्यादातर लोग भूल चुके थे, लेकिन अनुच्छेद 370 हटने के बाद यह मुद्दा फिर से राष्ट्रीय चेतना में जाग्रत हो गया। कोई चीज पाने के लिए पहले उसे विचारों में लाना जरूरी होता है।
कटक में भी दोहराया था संकल्प
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 5 मई, 2024 को भी ओडिशा के कटक में पीओके पर भारत की रणनीति स्पष्ट की थी। यहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री ने कहा था कि पीओके कभी भी भारत से बाहर नहीं रहा। यह भारत का अभिन्न हिस्सा है। इसे वापस लेना हमारी राष्ट्रीय जिम्मेदारी है। संसद ने भी संकल्प पारित किया है।
जानबूझकर भुलाया गया यह मुद्दा
जयशंकर ने कहा, आजादी के शुरुआती वर्षों में पाकिस्तान से इस क्षेत्र को खाली करने के लिए न कहना दुखद पहलू है। पीओके के मुद्दे को जानबूझकर भुलाया गया था, लेकिन हमने इसे पुन: राष्ट्रीय सोच का हिस्सा बनाया है।