SCO Summit 2024: पाकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को क्षेत्रीय अखंडता और आपसी सम्मान पर आधारित सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। यह भारतीय विदेश मंत्री का पाकिस्तान का पहला दौरा है, जो सुषमा स्वराज के 2015 की यात्रा के बाद हो हुआ। जयशंकर के मंगलवार शाम पाकिस्तान पहुंचने के बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहवाज शरीफ ने SCO लीडर्स के लिए डिनर रखा। इस दौरान उन्होंने खुद आगे बढ़कर विदेश मंत्री जयशंकर से हाथ मिलाया।
विदेश मंत्री जयशंकर ने बताई 'तीन बुराईयां'
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एस. जयशंकर ने आतंकवाद (Terrorism), चरमपंथ (Extremism) और अलगाववाद (Eeparatism) को तीन बुराइयां (three evils) करार दिया और चेतावनी दी कि अगर देशों के बीच एकतरफा एजेंडे हैं, तो सहयोग संभव नहीं है। हालांकि, उन्होंने अपने संबोधन में पाकिस्तान और चीन का नाम नहीं लिया, लेकिन दोनों देशों की विस्तारवादी नीतियों को लेकर हमला बोला।
#WATCH | EAM Dr S Jaishankar, Pakistan PM Shehbaz Sharif, Mongolian PM Oyun-Erdene Luvsannamsrai and other leaders pose for a group photograph at the 23rd Meeting of Shanghai Cooperation Organisation (SCO) Council of Heads of Government, in Islamabad.
— ANI (@ANI) October 16, 2024
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'दक्षिण एशिया में स्थिरता और सहयोग की जरूरत'
विदेश मंत्री जयशंकर का यह बयान खासकर दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय स्थिरता और सहयोग की अहमियत की ओर इशारा करता है। जयशंकर की यात्रा और उनके बयान दोनों ही भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच अहम हैं और इस दौरे ने द्विपक्षीय रिश्तों को सुधारने की संभावनाओं को उजागर किया है।
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पाकिस्तान के साथ कोई द्विपक्षीय बैठक नहीं होगी
उल्लेखनीय है कि विदेश मंत्री जयशंकर के दौरे में पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ उनकी कोई द्विपक्षीय बैठक शेड्यूल नहीं है। भारतीय अधिकारियों ने साफ किया है कि जयशंकर की यह यात्रा सिर्फ एससीओ समिट में हिस्सा लेने के मकसद से की जा रही है। SCO समिट में व्यापार और आर्थिक एजेंडा पर चर्चा के बाद ढाई बजे लंच होगा। इसके बाद शाम 4 बजे जयशंकर पाकिस्तान से भारत के लिए रवाना हो जाएंगे।