Jaishankar on Trump Victory:अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) की चुनावी जीत के बाद जहां कई देशों में चिंता की लहर है, वहीं भारत पूरी तरह आश्वस्त है। रविवार को मुंबई में आयोजित आदित्य बिरला 25वीं सिल्वर जुबली स्कॉलरशिप कार्यक्रम में विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के कई राष्ट्रपतियों से मजबूत रिश्ते बनाए हैं। उन्होंने इस भरोसे का इज़हार किया कि भारत-अमेरिका रिश्ते हर चुनौती के बीच स्थिर और मजबूत रहेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी की कूटनीति से भारत का भरोसा कायम
विदेश मंत्री जयशंकर ने बताया कि जब प्रधानमंत्री मोदी ने पहली बार अमेरिका का दौरा किया था, तब बराक ओबामा राष्ट्रपति थे। इसके बाद ट्रम्प और फिर जो बाइडेन के कार्यकाल में भी संबंध बेहतर हुए। जयशंकर ने कहा, “यह हमारे लिए स्वाभाविक है कि हम अमेरिका के साथ अच्छे संबंध बनाए रखें। कई देश अमेरिकी नीति को लेकर चिंतित हो सकते हैं, लेकिन हम उनमें से नहीं हैं।” यह बयान भारत की अमेरिका पर भरोसे और कूटनीतिक स्थिरता को दर्शाता है।
पीएम मोदी ट्रम्प को सबसे पहले बधाई देने वालों में
डोनाल्ड ट्रम्प की जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने ट्वीट करते हुए बधाई दी और कहा कि वह भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूत करने के लिए तत्पर हैं। मोदी ने अपने संदेश में कहा, “मेरे मित्र डोनाल्ड ट्रम्प को ऐतिहासिक जीत पर हार्दिक बधाई। आइए मिलकर विश्व शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए काम करें।” पीएम मोदी का यह संदेश भारत और अमेरिका के वैश्विक और रणनीतिक साझेदारी को और ऊंचाइयों तक ले जाने का संकेत देता है।
हमारी विदेश नीति का मकसद भारत के विकास को बढ़ावा देना
जयशंकर ने भारत के विदेश नीति के बारे में बताते हुए कहा कि यह अब केवल राष्ट्रीय सुरक्षा तक सीमित नहीं है। उन्होंने कहा, “हमारी विदेश नीति का मकसद अब भारत के विकास को बढ़ावा देना है। हमारी दुनिया के साथ गहरी कड़ी अब हमारे राष्ट्रीय प्रयासों में महत्वपूर्ण अवसर प्रस्तुत करती है।” यह भारत के ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य की दिशा में मजबूत कदम की ओर इशारा करता है।
पर्यटन, शिक्षा और रोजगार के लिए भारतियों में बढ़ी रुचि
जयशंकर ने भारत के नागरिकों की विदेश में शिक्षा, पर्यटन और रोजगार के बढ़ते रुझान का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारतीयों में दुनिया को समझने और वहां काम करने की जिज्ञासा बढ़ रही है। इससे यह स्पष्ट होता है कि भारत अब वैश्विक मंच पर अपनी छवि को और मजबूत कर रहा है और आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से कदम बढ़ा रहा है।