Swati Maliwal case: दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने मंगलवार को स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट के मामले में विभव कुमार को तीन दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया। पुलिस ने उनकी पांच दिनों की हिरासत की मांग की थी। दिल्ली पुलिस ने कहा कि बिभव ने घटना का वीडियो भी बनाया और फोन फॉर्मेट भी किया। पुलिस के वकील ने कहा कि विभव को 18 मई को गिरफ्तार किया गया था और 1 जून तक जरूरत के मुताबिक कभी भी पुलिस हिरासत में देने की मांग कर सकते हैं।
विभव के वकील ने क्या दिए तर्क
विभव के वकील ने कहा कि कोर्ट को केस डायरी देखनी चाहिए कि यह क्रमबद्ध है या नहीं और उसके बाद ही कोर्ट को इस पर हस्ताक्षर करना चाहिए। सरकारी वकील ने कहा कि हमारे पास छुपाने को कुछ नहीं है और सारे पेज क्रम में हैं। इसके बाद सरकारी वकील ने पूछा कि मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट भी जमानत अर्जी पर सुनवाई कर सकती थी, फिर विभव ने ASJ कोर्ट का रुख क्यों किया? क्या विभव का केस दूसरे मामलों से अलग है? सरकारी वकील ने यह भी पूछा कि आरोपी के वकील जज को निर्देश कैसे दे सकते हैं कि वे केस डायरी देखकर हस्ताक्षर करें।
#WATCH | AAP MP Swati Maliwal assault case | Delhi's Tis Hazari Court remands back Bibhav Kumar to Police custody for three days. He was produced before the court after the expiry of four-day judicial custody
— ANI (@ANI) May 28, 2024
Visuals from the court as Police personnel bring him out after… pic.twitter.com/bXr3xOso5c
विभव के वकील ने किया कस्टडी का विरोध
विभव के वकील ने पांच दिन की पुलिस कस्टडी की मांग का विरोध किया। पुलिस ने कहा कि उन्हें विभव के दूसरे फोन का पता लगाना है और देखना है कि क्या उन्होंने घटना का वीडियो बनाया था या नहीं। विभव के वकील ने कहा कि कन्फ्रंट किससे करवाना है यह भी साफ नहीं है। पुलिस ने विभव कुमार के टॉर्चर के आरोपों को खारिज किया और कहा कि जब पहली बार कस्टडी के बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था तो परिवार के सदस्यों को मिलने की इजाजत दी गई थी।
स्वाति मालीवाल के सीएम आवास जाने का कारण?
बिभव के वकील ने कहा कि आजतक यह जांच नहीं हुई कि स्वाति मालीवाल सीएम आवास क्यों गई थीं। विभव की जमानत याचिका खारिज हो चुकी है। मुवक्किल न्यायिक हिरासत में रहे या पुलिस कस्टडी में, वह सबूतों से दूर रहेगा। फिर पुलिस कस्टडी की क्या जरूरत? बता दें कि विभव कुमार को 24 मई को चार दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। दिल्ली सीएम केजरीवाल के पीए विभव कुमार को इससे पहले पांच दिनों की पुलिस कस्टडी में भेजा गया था। स्वाति मालीवाल के मुताबिक, 13 मई को विभव कुमार ने उन पर हमला किया था। हालांकि विभव ने आरोपों से इनकार किया है।
16 मई को बिभव कुमार को किया गया था गिरफ्तार
पुलिस ने 16 मई को इस मामले में केस दर्ज कर विभव को गिरफ्तार कर लिया था। विभव कुमार को मोबाइल डेटा रिकवरी के लिए मुंबई ले जाया गया था। पुलिस को संदेह है कि विभव ने मोबाइल डेटा किसी को ट्रांसफर करने के बाद फोन को फॉर्मेट किया। पुलिस ने विभव का मोबाइल, लैपटॉप, और केजरीवाल के घर के सीसीटीवी फुटेज को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा है। सोमवार को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी। कोर्ट ने कहा कि जांच शुरुआती चरण में है और गवाहों को प्रभावित करने या सबूतों के साथ छेड़छाड़ की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।