Neem Karoli Baba Vichar: दुनियाभर में नीम करोली बाबा के अनुयायी मौजूद है। 20वीं सदी के महान संत रहे बाबा नीम करोली के विचार आज भी लोगों के जीवन में प्रकाश कर रहे है। बताया जाता है कि, बाबा नीम करोली ने बेहद कम उम्र में गृहस्थ जीवन त्याग दिया था, जिसके बाद वह हनुमान जी की शरण में आ गए। इसके पश्चात महज 17 साल की उम्र में उनपर बजरंग बली की कृपा हुई और उन्हें कई सिद्धियां भी मिली। इस धरती पर रहते हुए बाबा ने कई चमत्कारों को दुनिया को दिखाया। जिसके बाद लोग भी उन्हें हनुमान जी का अंश अवतार मानने लगे। यही कारण है कि, आज भी उनकी ख्याति जनमानस में फैली हुई है। न सिर्फ ख्याति बल्कि उनके विचारों और उपदेशों को लोग अपने जीवन में उतारकर लाभ प्राप्त कर रहे है। जानते है ऐसी ही 3 बातों के बारे में-
नीम करोली बाबा के 3 अनमोल विचार
- - स्वयं के बारे में बात करते हुए बाबा नीम करोली कहा करते थे कि, उन्हें जीवन में किसी भी चीज की चाहत नहीं हैं। वे सिर्फ दूसरों की सेवा के लिए ही हैं। उनके इस कथन से स्पष्ट है कि, उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन जनकल्याण को समर्पित कर दिया था। ऐसी स्थिति में सांसारिक मोह-माया से वह दूर रह सके।
- - तमाम सिद्धियां प्राप्त करने और सैंकड़ों लोगों के अंधियारे जीवन में प्रकाश फैलाने का काम करने वाले नीम करोली बाबा अहंकार से हमेशा दूर रहे। उन्होंने सभी को समान भाव से सम्मान दिया। वह कहते थे कि, उनके पास कोई शक्ति नहीं है, वह कुछ भी नहीं जानते है, जो हैं सब हनुमान जी का दिया हुआ है।
- - नीम करोली बाबा ने एक पिता की तरह लोगों का मार्गदर्शन किया। उनका कहना था कि, मैं दुनिया का पिता हूं और पूरी दुनिया मेरी संतान है।' इसके अलावा वह कहते थे कि, भले ही तुम मुझे छोड़ सकते हो लेकिन मैं तुम्हें नहीं छोडूंगा। एक बार जब मैं तुम्हें पकड़ लूंगा तो छोडूंगा नहीं।'
डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।