Under 19 t20 world cup final: भारत ने बिना एक मैच गंवाए महिला अंडर-19 टी20 वर्ल्ड कप जीत लिया। मलेशिया में खेले गए टूर्नामेंट के फाइनल में निकी प्रसाद की अगुआई वाली भारतीय टीम ने साउथ अफ्रीका को 9 विकेट से रौंदा और लगातार दूसरी बार खिताब पर कब्जा जमाया। भारत ने 83 रन के टारगेट को 52 गेंद रहते महज 1 विकेट पर हासिल कर लिया। टूर्नामेंट में 309 रन बनाने और 7 विकेट झटकने वालीं जी त्रिशा को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया। वहीं, प्लेयर ऑफ द मैच भी वही चुनीं गईं।
गोंगाड़ी त्रिशा ने फाइनल में ऑलराउंड प्रदर्शन किया। उन्होंने पहले तीन विकेट झटके और फिर रन चेज के दौरान नाबाद 44 रन ठोके। उनके अलावा सानिका चाल्के ने भी नाबाद 26 रन की पारी खेली।
Emotions on a high as India retain their #U19WorldCup title 🎆#SAvIND pic.twitter.com/Rh9DTDAupw
— ICC (@ICC) February 2, 2025
भारत के स्पिन गेंदबाजों ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन जारी रखा और टीम को लगातार दूसरी बार आईसीसी अंडर-19 टी20 विश्व कप का खिताब दिलाया। आयुषी शुक्ला, जी त्रिशा, वैष्णवी शर्मा और पारुनिका सिसोदिया के प्रयासों के दम पर - जिन्होंने मिलकर नौ विकेट लिए - भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 82 रनों पर रोक दिया था। इस हार के बाद साउथ अफ्रीका के खिलाड़ियों के आंसू निकल आए।
साउथ अफ्रीका की ओर से कोई भी बल्लेबाज अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाया। पहले बैटिंग के लिए उतरी जेमा बोथा 16 रन बनाकर आउट हुईं। उनका विकेट शबनम शकील ने लिया। उनके साथ आई सिमोन लॉरेंस खाता भी नहीं खोल पाईं। उन्हें परुनिका सिसोदिया ने आउट किया। तीसरे नंबर पर आई डायरा रामलकन का विकेट आयुषी शुक्ला के खाते में आया।
कप्तान रेनेकी भी कुछ खास कमाल नहीं कर पाई और 7 रन ही जोड़ सकीं। साउथ अफ्रीका के लिए सबसे अधिक रन 16 मीके वैन ने बनाए। गोंगाड़ी त्रिशा ने 4 ओवर में 15 रन देकर 3 विकेट लिए। परुनिका सिसोदिया ने 4 ओवर में 6 रन देकर 2 विकेट लिए। भारतीय स्पिन गेंदबाजों ने पूरे मैच में कसी हुई गेंदबाजी की। अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि 7 से 14 ओवर के बीच दक्षिण अफ्रीकी बैटर्स एक भी बाउंड्री नहीं जमा पाए। इसी अवधि में साउथ अफ्रीका ने 2 विकेट गंवाए। दक्षिण अफ्रीका ने अपने आखिरी 4 विकेट महज 8 रन के भीतर गंवाए।
भारत के लिए जी त्रिशा और जी कमालिनी ने पहले विकेट के लिए 36 रन जोड़ते हुए जीत की नींव रख दी थी। इसी स्कोर पर कमालिनी आउट हुईं। इसके बाद सानिया चाल्के और जी त्रिशा ने बड़ी आसानी से 83 रन के लक्ष्य को 11.2 ओवर में हासिल कर लिया। भारतीय बल्लेबाजों ने कुल मिलाकर 13 चौके मारे। यानी 52 रन तो बाउंड्री से ही हासिल कर लिए।