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Duleep Trophy 2024: दिलीप ट्रॉफी 2024 के पहले राउंड के मुकाबले खत्म हो गए। इसके बाद बांग्लादेश टेस्ट सीरीज के लिए भारतीय टीम चुनी जाएगी। जानिए पहले राउंड से जुड़ी 5 बड़ी बातें।

Duleep Trophy 2024 First Round Takeways : दिलीप ट्रॉफी 2024 के पहले राउंड का मुकाबले खत्म हो गए। इंडिया-बी ने जहां इंडिया-ए को 76 रन से हराया। वहीं, इंडिया-सी ने इंडिया-डी को 4 विकेट से रौंदा। भारतीय क्रिकेट टीम के अगले टेस्ट सीजन के लिहाज से दिलीप ट्रॉफी अहम है। क्योंकि पहले राउंड के मुकाबले के बाद ही बांग्लादेश के खिलाफ 2 टेस्ट के लिए भारतीय टीम चुनी जानी है। 

अच्छी बात ये रही कि ऋषभ पंत ने 2 साल बाद रेड बॉल क्रिकेट में वापसी की और उनकी बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग देखकर यही लगा कि वो टेस्ट टीम में कमबैक के लिए तैयार हैं। इसके अलावा दिलीप ट्रॉफी के पहले राउंड के मुकाबलों से क्या निकला, आइए जानते हैं। 

पंत टेस्ट कमबैक के लिए तैयार 
ऋषभ पंत ने सड़क हादसे में लगी चोट से उबरने के बाद इंटरनेशनल क्रिकेट में अच्छी वापसी की है। वो टी20 विश्व कप में भारत की जीत के हीरो थे। लेकिन, ये सवाल था कि क्या वो टेस्ट क्रिकेट के लिए तैयार हैं? दिलीप ट्रॉफी के शुरुआती मुकाबले को देखने के बाद तो यही लग रहा कि पंत अब रेड बॉल क्रिकेट का स्ट्रेस लेने को तैयार हैं। 

पंत ने दिलीप ट्रॉफी के पहले मैच में अच्छी विकेटकीपिंग की। उन्होंने विकेट के पीछे हवा में उड़कर शानदार कैच लपके। वहीं, दूसरी पारी में शानदार अर्धशतक भी ठोका। 


 
आकाशदीप ने भी शानदार गेंदबाजी की
जसप्रीत बुमराह नहीं, मोहम्मद शमी नहीं, मोहम्मद सिराज नहीं। यहां तक ​​कि शार्दुल ठाकुर भी नहीं हैं। अगर भारत के सेकेंड लाइन के तेज गेंदबाजों को, जिनमें से कुछ पहले ही टेस्ट क्रिकेट खेल चुके हैं को अगर प्रभाव डालना था उनके लिए यही मौका था। खलील अहमद, आकाशदीप और आवेश खान सभी ने इंडिया-ए के लिए प्रभावित किया। 

उनमें से, आकाश सबसे खतरनाक दिखे, जिन्होंने पहली पारी में 4 विकेट लेने के बाद दूसरी में पांच विकेट झटके, और अगर भारत बांग्लादेश के खिलाफ बुमराह को आराम देता है और मोहम्मद शमी फिट नहीं होते हैं, तो शायद वह रेस में सबसे आगे हैं। 

कुलदीप-अक्षर की लड़ाई गहराई
2021 की शुरुआत में रवींद्र जडेजा की जगह भारतीय टीम में शामिल होने के बाद से अक्षर पटेल की भूमिका दिलचस्प रही है: वह तभी खेलते हैं, जब भारत को तीन स्पिनरों की जरूरत होती है (या उन्हें दो की जरूरत होती थी और बिग टू में से एक छूट जाता था)। कुलदीप यादव हर बार पिछड़ जाते हैं और ऐसा किसलिए इसे समझना मुश्किल नहीं क्योंकि 2023 के आखिर तक अक्षर ने टेस्ट क्रिकेट में 37 की औसत से रन बनाए हैं जबकि गेंदबाजी में उनका औसत करीब 19 का रहा। 

हालांकि, 2024 की शुरुआत में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में, कुलदीप आगे निकल गए। अब कुलदीप की चाइनामैन गेंदबाजी ने एक अलग विविधता दी है, जो फिंगर स्पिनर अक्षर से नहीं मिली। क्योंकि भारत के पास पहले से ही जडेजा के रूप में एक फिंगर स्पिनर है। जब तक सीरीज खत्म हुई, तब तक कुलदीप ने खुद को तिकड़ी के तीसरे खिलाड़ी के रूप में मजबूती से स्थापित कर लिया था।

अनंतपुर में अक्षर 34 रन पर 5 विकेट गिरने के बाद 86 रन की पारी खेल अपनी टीम को संकट से उबारा और दूसरी पारी में 28 रन जोड़े। उन्होंने मैच में 100 रन देकर 3 विकेट भी लिए, ये बहुत अच्छा तो नहीं कहलाएगा। लेकिन, फिर भी कुलदीप के आंकड़ों को अगर देखें (1/100) तो ये दावेदारी में बने रहने के लिए ठीक है। 

अश्विन का उत्तराधिकारी कौन?
भारतीय टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में आर अश्विन से बेहतर ऑफ स्पिनर मिलना मुश्किल है। टेस्ट में फिलहाल उनका कोई बैकअप नहीं है। वॉशिंगटन सुंदर की बल्लेबाजी उन्हें बढ़त दिलाती है, जबकि तनुष कोटियन मुंबई के लिए शानदार सीजन से बाहर आ रहे हैं। 

दिलीप ट्रॉफी के पहले दौर में, दोनों ने प्रभाव छोड़ने के लिए पर्याप्त गेंदबाजी नहीं की, जैसा कि अक्सर पांच गेंदबाज किसी अटैक में होने पर होता है। दिल्ली के ऋतिक शौकीन पर नज़रें थीं, लेकिन उन्होंने भी 1 विकेट ही लिया। 

राहुल बनाम सरफराज बनाम बाकी बैटर्स
अगर भारत अपनी पांच गेंदबाजों वाली रणनीति को अपनाता है तो, तो रोहित शर्मा, विराट कोहली, यशस्वी जायसवाल, गिल और पंत टॉप-5 में आएंगे। इससे शीर्ष छह में केवल एक विशेषज्ञ बल्लेबाज के लिए जगह बचती है।

टेस्ट टीम से बाहर किए जाने के बाद, केएल राहुल को तब तक इंतजार करना पड़ा जब तक कि कोई विकेटकीपर नहीं मिल गया, जो नंबर 6 पर बल्लेबाजी करेगा। टेस्ट क्रिकेट में, उन्हें किसी भूमिका की आदत नहीं थी, लेकिन उन्होंने सेंचुरियन में शानदार शतक लगाया और विकेटकीपिंग में कोई बड़ी गलती नहीं की। इसके बाद उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ इसी साल की शुरुआत में टेस्ट में 86 रन बनाए थे। इसके बाद चोट के कारण बाहर हो गए। उनकी जगह सरफराज खान ने डेब्यू किया और पांच पारियों में 3 अर्धशतक जमाए। 

केएल राहुल, सरफराज खान के साथ मिडिल ऑर्डर में जगह बनाने के लिए श्रेयस अय्यर भी प्रतिस्पर्धा कर रहे। उन्होंने कोलकाता नाइट राइडर्स को आईपीएल का खिताब दिलाने के बाद अपनी स्थिति कुछ हद तक मजूबत की है। 

इंडिया-ए और इंडिया-बी के बीच हुए मैच में देखें तो इंडिया-ए के लिए केएल राहुल दोनों पारियों में 37 और 57 रन की पारी के साथ टॉप स्कोरर रहे। दूसरी पारी में उनका अर्धशतक तब आया जब 275 रन का पीछा करते हुए इंडिया-ए 99 रन के स्कोर पर 6 विकेट गंवा चुकी थी। फिलहाल, तो ऐसा लग रहा कि राहुल टेस्ट टीम में अपनी जगह बचाए रखने में सफल रहेंगे और श्रेयस-सरफराज में से किसी एक को ही जगह मिलेगी। 

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