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एक वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम की फिर से वापसी होने जा रही है। इस पाठ्यक्रम को वर्ष 2014 में बंद कर दिया गया था। 

रायपुर। एक वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम की फिर से वापसी होने जा रही है। इस पाठ्यक्रम को वर्ष 2014 में बंद कर दिया गया था। नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजूकेशन द्वारा इस पाठ्यक्रम को मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन 2025 में छात्रों को इस कोर्स का फायदा नहीं मिलेगा शैक्षणिक सत्र 2026-27  से  विद्यार्थी  इस पाठ्यक्रम में प्रवेश ले सकेंगे । इस तरह से 12 साल बाद छात्र फिर से एक वर्ष में बीएड की डिग्री हासिल कर सकेंगे। इसमें प्रवेश के लिए मापदंडों में बदलाव किए गए हैं। एक वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए 2014 तक जो नियम थे, वे इस बार नहीं रहेंगे। स्नातक की उपाधि रखने वाले विद्यार्थियों को 11 साल पहले तक एक वर्षीय बीएड में प्रवेश मिल जाता था। 

नए नियमों के मुताबिक, एक साल के बैचलर ऑफ एजूकेशन प्रोग्राम में एडमिशन लेने के लिए कैंडिडेट्स को पोस्टग्रेज्यूएट होना चाहिए। पीजी डिग्री धारक के अलावा चार साल के ग्रेजुएशन डिग्री हासिल करने वाले अभ्यर्थी इस कोर्स में दाखिला के लिए अप्लाई कर सकेंगे। तीन वर्षीय स्नातक उपाधि रखने वाले विद्यार्थियों को 2 साल के बीएड पाठ्यक्रम में ही प्रवेश मिल सकेगा। चार साल तक स्नातक की पढ़ाई करने वाले ही एक वर्षीय बीएड के लिए पात्र होंगे।

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मांगे गए हैं सुझाव 

पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए केवल योग्यता का ही निर्धारण अब तक किया गया है। पाठ्यक्रम सहित अन्य गाइडलाइन्स फिलहाल तय नहीं की जा सकी है। सभी राज्यों से एनसीटीई ने इसके लिए सुझाव मांगे हैं। इसके आधार पर ही विस्तृत गाइडलाइन जारी की जाएगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत प्रयोग करते हुए इस पाठ्यक्रम को फिर से इंट्रोड्यूस किया जा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत स्नातक पाठ्यक्रम अब चार वर्षों का कर दिया गया है। हालांकि यदि कोई छात्र चाहे तो वह तीन वर्ष में भी पढ़ाई छोड़ सकता है। चार वर्ष तक स्नातक की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के पास अब तक 
दो वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम का ही विकल्प था, लेकिन अब उन्हें एक वर्षीय बीएड का भी विकल्प मिल सकेगा।

जारी रहेंगे चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स 

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत ही चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीए बीएड, बीएससी बीएड और बीकॉम बीएड की शुरुआत की गई है। छात्र स्नातक और बीएड की पढ़ाई इसमें साथ-साथ करते हैं। 2026 से नया पाठ्यक्रम शुरू होने के बाद भी इसमें दाखिले जारी रहेंगे। अब विद्यार्थी बारहवीं के बाद भी बीएड कर सकेंगे तथा चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम पूर्ण करने के बाद भी शिक्षा महाविद्यालय में दाखिले के लिए पात्र रहेंगे। सभी राज्यों को इस संदर्भ में गाइडलाइन प्रेषित कर दिया गया है। 


 

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