आकाश पवार- पेंड्रा। छत्तीसगढ़ के पेंड्रा जिले में बायपास निर्माण की मांग को लेकर बायपास संघर्ष समिति ने अपनी तीन मांगों को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। जिले में में आए दिन हो रहे सड़क हादसों और यातायात व्यवस्था को लेकर लोगों में आक्रोश हैं। यहां के लोग लंबे समय से बायपास निर्माण की मांग कर रहे हैं लेकिन आज तक पूरी नहीं हो पाई है।
पेंड्रा। बायपास संघर्ष समिति ने अपनी तीन मांगों को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। यहां के लोग लंबे समय से बायपास की मांग कर रहे हैं साल 2018 में स्वीकृति मिलने के बाद भी आज तक निर्माण नहीं हुआ है। pic.twitter.com/xb8Lu3TN5j
— Haribhoomi (@Haribhoomi95271) March 3, 2025
दरअसल, नगरपालिका अध्यक्ष राकेश जालान और पूर्व अध्यक्ष इकबाल सिंह के नेतृत्व में बायपास संघर्ष समिति ने अपनी तीन मांगों को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। संघर्ष समिति के लोगों ने कहा कि, पेंड्रा में लगातार सड़क हादसों से नागरिकों में रोष है। इसके लिए बाईपास सड़क का नहीं बनना सबसे बड़ा कारण है। वहीं प्रशासनिक अधिकारियों को भी लगातार हादसों के बाद ध्यानाकर्षण कराया जा रहा है। इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। समिति के सदस्यों ने कहा कि, अगर सडक़ और यातायात व्यवस्था में सुधार के साथ बाईपास सड़क का निर्माण जल्दी शुरू नहीं होता तो इसके लिए बड़ा आंदोलन करेंगे।
2018 में मिली थी स्वीकृति
पेंड्रा बाईपास सड़क के निर्माण का सपना अब तक पूरा नहीं हो पाया है। कई बार बाईपास सड़क निर्माण को लेकर आंदोलन तो हुए पर वह कभी अंजाम तक नहीं पहुंच पाया। साल 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने 2018 में पेंड्रा बायपास सड़क को स्वीकृति दी थी और भूमिपूजन किया था। साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में सरकार बदल गई और कांग्रेस की सरकार सत्ता में आई।
बायपास निर्माण भगवान भरोसे
कांग्रेस सरकार ने जिला तो बनाया पर पेंड्रा बायपास निर्माण नहीं हो सका अब फिर एक बार छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार सत्ता में आई है 2024 में भाजपा के कद्दावर नेता और सासंद बृजमोहन अग्रवाल ने पेंड्रा बायपास सड़क की घोषणा करते हुए एक महीने में बायपास का काम शुरू करने की घोषणा की थी पर सालों बीत जाने के बाद भी बाईपास सड़क का निर्माण नही हो सका है। पेंड्रा शहर में वाहनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। हर साल हजारों की संख्या में वाहनों का परिवहन होता है। इसके अलावा पेंड्रा क्षेत्र से होकर छत्तीसगढ़ सहित मध्यप्रदेश,उत्तरप्रदेश उड़ीसा आदि राज्यों के लिए भी वाहनों का आवागमन होता है।
बाईपास न होने के कारण बढ़ रही सड़क दुर्घटनाएं
वाहनों के भार के बावजूद आज तक पेंड्रा शहर में बाईपास सड़क का निर्माण नहीं हो पाया है। वहीं शहर के बाहरी क्षेत्रों में यातायात नियमों को ताक पर रखकर बड़े वहनों की कतार लगी रहती है। जिसकी वजह से हर साल दर्जनों लोग सड़क हादसों में अपनी जान गवा देते हैं। पिछले 9 दिनों में ही आधा दर्जन से अधिक ग्रामीणों की सड़क हादसों में दर्दनाक मौत हो चुकी है। बाईपास सड़क की मांग को लेकर हमेशा से यहां के लोग आवाज उठाते रहे हैं, फिर भी आज तक बाईपास सड़क का निर्माण महज एक मुद्दा बनकर रह गया है।