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छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में एक बार फिर जल जीवन मिशन का मुद्दा उठाते हुए नेता प्रतिपक्ष ने सत्तापक्ष को घेरा। इस दौरान उन्होंने कहा- अगर पिछली सरकार में कुछ गलत हो तो भी जांच कराइए।

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में एक बार फिर जल जीवन मिशन का मुद्दा गूंजा। नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत की मांग पर सदन में चर्चा हुई। इस दौरान पिछली सरकार के कामों को लेकर बहस हो गई। महंत ने मुद्दा उठाते हुए जल जीवन मिशन में केंद्रांश और राज्यांश को लेकर सवाल पूछा। साथ ही 2025 तक केंद्रांश के रूप में प्राप्त राशि को लेकर जानकारी मांगी। 

डिप्टी सीएम अरुण साव ने जानकारी देते हुए कहा- 2024-25 फरवरी 2024 तक 191.59 करोड़ केंद्रांश प्राप्त हुए हैं। राज्यांश राशि के रूप में 187.12 करोड़ की स्वीकृति दी गई। वहीं इस बीच डॉ. चरणदास महंत ने कहा- केंद्रांश और राज्यांश बराबर होना चाहिए 2250 करोड़ रुपए की राशि आना था, डबल इंजन सरकार ने नहीं दिया है।  

पेयजल आपूर्ति नहीं हुई है शुरू - साव 

उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा- भारत सरकार ने 2028 तक जल जीवन मिशन की अवधि बढ़ाई है। जल जीवन मिशन का काम 50-60% पूरा हुआ है, इसी अनुसार राशि आई है 29 हजार 126 स्वीकृत योजनाओं की संख्या है, 41 हजार से अधिक टैंक बनाए गए हैं।  5 हजार 908 टंकियों का निर्माण हो गया पर पेयजल आपूर्ति शुरू नहीं हुई है। 

कब तक पिछली सरकार का नाम लेकर बचेंगे- महंत 

चरणदास महंत ने पूछा क्या काम होने के बाद भी भुगतान नहीं हुआ है। इस पर  उपमुख्यमंत्री ने कहा- भुगतान सतत प्रक्रिया है राशि की उपलब्धता के आधार पर भुगतान की जाएगी। चरणदास महंत ने कहा-  पैसे नहीं मिलने के कारण ठेकेदार काम नहीं कर रहे ठेकेदारों के काम नहीं करने के कारण काम धीमा हो गया है। इसलिए केंद्र सरकार राशि नहीं दे रही है। महंत ने कहा- अगर पिछली सरकार में कुछ गलत हो तो भी जांच कराइए। कब तक पिछली सरकार का नाम लेकर बचते रहेंगे।

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