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एक माह में आयुष विभाग के मोबाइल मेडिकल यूनिट ने 8 गांवों में जाकर जांच की तो 656 बीमार मिले। इनमें से 262 ग्रामीण सिर्फ चर्मरोग से ही पीड़ित मिले।

महेंद्र विश्वकर्मा- जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के 9 गांव में दूषित पानी से ग्रामीण चर्मरोग के शिकार हो रहे हैं। दूषित पानी से की चमड़ी पर लाल दाने उभरने से परेशान हैं। प्रदूषित जल में स्नान करने से चर्मरोग फैलने एवं मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। प्रदूषित जल पीने से मनुष्य में विभिन्न प्रकार की बीमारियों का संचारण होने लगता है। 

प्रदूषित पानी से आयरन, नाइट्रेट, क्लोराइड और आर्सेनिक प्रदूषण की समस्या बढ़ गई है। इसी कारण पोलियो, पीलिया, कॉलरा, टाइफाइड, दस्त, पेट की बीमारियों, किडनी की समस्या, सांस संबंधी रोग, हड्डियों से संबंधित रोग हो सकते हैं। हालांकि जिले के दरभा ब्लॉक क्षेत्र के कोयनार में आयुष विभाग की मोबाईल मेडिकल यूनिट आयुर्वेद चिकित्साधिकारी डॉ. संकल्प सिंह ठाकुर, फार्मासिस्ट अमित कुमार सिधार, वार्ड ब्वाय प्रमेश नाग के साथ मंगलवार को पहुंचकर स्वास्थ्य परीक्षण शिविर किया। इसमें 72 ग्रामीणों ने जांच कराया, जिसमें चर्म रोग के 28, वात रोगी के 17, कास रोग के 11, स्त्री रोग के 3, उदर रोग के 4, मधुमेह के 7 एवं हदय रोग के 2 मरीज मिले, जिन्हें दवाई देकर समझाइश दी। इसके अलावा एक माह में आयुष विभाग के मोबाईल मेडिकल यूनिट 8 गांवों में पहुंचकर ग्रामीणों की जांच की, जिसमें 656 मरीज मिले, जिसमें से 262 ग्रामीण सिर्फ चर्मरोग के ही पीड़ित मिले। 

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शरीर पर लाल चकत्ते बन गए

ग्रामीणों ने बताया कि पेयजल की सुविधा नहीं होने से प्रदूषित पानी का उपयोग कर रहे हैं, इसकी जानकारी क्षेत्र के सरपंच को दिया गया, पर स्वच्छ पेयजल की सुविधा नहीं हो सकी। यही कारण है कि प्रदूषित पानी पीने से लोगों के शरीर में गोल एवं लाल चकत्ते बन गए हैं।

गंभीर मरीज नहीं मिले

जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ. जेआर नेताम ने बताया कि जिला प्रशासन की पहल पर आयुष विभाग की मोबाईल मेडिकल यूनिट सुदूर अंचलों में सप्ताह के मंगलवार को गांव पहुंच कर ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण शिविर आयोजित कर रहे हैं। अब तक गंभीर मरीज नहीं मिले, जिससे रिफर किया जा सके। 

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