रायपुर। शैक्षणिक सत्र 2025-26 में शहर के किसी भी शीर्ष शासकीय महाविद्यालय में नवीन पाठ्यक्रम की सौगात को नहीं मिलेगी। छात्रों को ऑटोनॉमस महाविद्यालयों में पहले ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की जा चुकी थी, जबकि अन्य शासकीय और निजी महाविद्यालयों में वर्तमान शैक्षणिक सत्र से राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की गई है। इसके अंतर्गत वार्षिक परीक्षा पद्धति के स्थान पर सेमेस्टर आधार पर परीक्षाएं हो रही हैं तथा छात्रों को अपने संकाय के बाहर के विषय चुनने की भी छूट दी गई है। इन व्यवस्थाओं में ही जिले के अधिकतर शासकीय महाविद्यालय उलझे हुए हैं। इसका परिणाम यह हुआ है कि नए सत्र में किसी भी सरकारी कॉलेज में नए पाठ्यक्रमों की सुविधा छात्रों को नहीं मिलेगी। इसके उलट, शीर्ष निजी महाविद्यालय अपने यहां नए कोर्स शुरू करने आवेदन दे चुके हैं।
अधिकतर निजी महाविद्यालयों ने कंप्यूटर आधारित पाठ्यक्रमों का चुनाव किया है। इसके अलावा जिसमें रोजगार की अधिक संभावनाएं हैं तथा जिसमें विद्यार्थी अधिक दिलचस्पी ले रहे हैं, उसे भी प्रारंभ करने अर्जी दी गई है। निक्षण पूर्ण, अनुमति का इंतजार: निजी महाविद्यालयों में नवीन पाठ्यक्रम संचालन के लिए उच्च शिक्षा विभाग का निरीक्षण पूर्ण हो चुका है। कुछ स्थानों पर पं. रविशंकर शुक्ल विवि द्वारा निरीक्षण किया जाना शेष है। इसके पश्चात वे नए सत्र से इन पाठ्यक्रमों में विद्यार्थियों को दाखिला देंगे। गौरतलब है कि नवीन पाठ्यक्रम प्रारंभ करने के लिए सर्वप्रथम उच्च शिक्षा विभाग को अनुमति के लिए खत लिखना पड़ता है। इसके पश्चात उच्च शिक्षा विभाग और संबंद्ध विवि की टीम निरीक्षण के लिए आती है। यदि टीम यह पाती है कि उक्त महाविद्यालय में नवीन पाठ्यक्रम के लिए पर्याप्त सुविधाएं हैं तो उन्हें अनुमति प्रदान कर दी जाती है।
एनईपी में अधिकतर नई चीजें
डिग्री गर्ल्स कॉलेज की प्राचार्य डॉ. किरण गजपाल ने बताया कि, राष्ट्रीय शिक्षा नीति में अधिकतर नई चीजें ही हैं। इसे ही उचित रूप से लागू करने पर फोकस है। नवीन पाठ्यक्रम फिलहाल शुरू नहीं कर रहे हैं।
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खेल और आईटी आधारित कोर्स
डागा गर्ल्स कॉलेज की प्राचार्य डॉ. संगीता घई ने बताया कि, महाविद्यालय में अब तक खेल आधारित पाठ्यक्रम नहीं थे। हमने बीपीएड सहित बीबीए और बीएससी के लिए आवेदन दिए हैं।
कंप्यूटर आधारित पाठ्यक्रम
महंत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. देवाशीष मुखर्जी ने बताया कि, यूथ में आईटी सेक्टर का ट्रेंड है, इसलिए हमने इससे संबंधित पाठ्यक्रमों के लिए आवेदन दिए हैं। प्रक्रिया चल रही है। नए सत्र से नए कोर्स छात्रों को उपलब्ध कराएंगे।
पहले ही मारामारी
दुर्गा महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. प्रोतिभा मुखर्जी ने बताया कि , महाविद्यालय में संचालिए पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए मारामारी की स्थिति प्रत्येक वर्ष रहती है। इस स्थिति में नवीन पाठ्यक्रम के लिए हमने आवेदन नहीं दिया है। प्रमुख पाठ्यक्रम यहां पहले से ही संचालित हैं।
जानिए किस महाविद्यालय में क्या रहेगी स्थिति
साइंस कॉलेज : अर्थशास्त्र और भूगोल
महाविद्यालय प्रबंधन द्वारा किसी भी नवीन पाठ्यक्रम के लिए आवेदन नहीं भेजा गया है। यहां विज्ञान और मैथ्स ग्रुप के अंतर्गत कई कॉम्बिनेशन में बीएससी और एमएससी पाठ्यक्रम का संचालन होता है। इन पाठ्यक्रमों में ही मारामारी की स्थिति रहती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत छात्रों को जेनेरिक इलेक्टिव कोर्स के तहत अर्थशास्त्र और भूगोल का विकल्प दिया जा चुका है। इसके अतिरिक्त विद्यार्थियों को अन्य विकल्प नए सत्र में नहीं मिलेंगे।
डिग्री गर्ल्स कॉलेज : यहां भी नए कोर्स नहीं
शहर के सबसे बड़े कन्या महाविद्यालय में भी नया पाठ्यक्रम संचालित नहीं होगा। यहां परंपरागत पाठ्यक्रम जैसे-बीए, बीकॉम, बीएससी को लेकर लड़कियों में क्रेज रहता है। पीजीडीसीए, बीपीएड सहित स्नातकोत्तर स्तर के भी सभी पाठ्यक्रम में विद्यार्थी मिल जाते हैं। पहले ही आवेदनों का ओवरफ्लो है, इसलिए नए कोर्स यहां भी नहीं खुल रहे हैं।
छत्तीसगढ़ कॉलेज : वर्तमान सत्र से बीएएलएलबी
छत्तीसगढ़ महाविद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2024-25 से बीएएलएलबी पाठ्यक्रम की शुरुआत की गई थी। नए सत्र के लिए किसी भी कोर्स के लिए उच्च शिक्षा विभाग को अब तक खत नहीं लिखा गया है।
दुर्गा महाविद्यालय : पहले ही मारामारी
दुर्गा महाविद्यालय में भी प्रवेश के लिए मारामारी की स्थिति प्रत्येक वर्ष निर्मित रहती है। नए सत्र में किसी भी नए कोर्स संचालन के लिए आवेदन नहीं गया है।