रायपुर। राज्य के दो टाइगर रिजर्व अचानकमार तथा उदंती-सीतानदी के 55 गांवों को शिफ्ट करना है, उन क्षेत्रों में वन्यजीव बोर्ड की बैठक में सुविधाओं की विस्तार के लिए प्रस्ताव तैयार किए गए हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में 20 जनवरी को वन्यजीव बोर्ड की बैठक होनी है। टाइगर रिजर्व के लिए शिफ्ट होने वाले गांवों में सुविधाओं के विस्तार को लेकर वन्यजीव प्रेमी विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि टाइगर रिजर्व के लिए जिन गांवों को शिफ्ट करना है, वहां सुविधा उपलब्ध कराने का क्या औचित्य ।
दो वर्ष पूर्व 19 दिसंबर 2022 को वन्यजीव बोर्ड की 13वीं बैठक के बाद पुनः बैठक आयोजित की जा रही है। बैठक में 13 एजेंडा शामिल किया गया है। इनमें तीन एजेंडा का वन्यजीव प्रेमी विरोध कर रहे हैं। उनमें अचानकमार टाइगर रिजर्व के कोर तथा बफर जोन के आठ गांव में मोबाइल टॉवर लगाना है। इसके अलावा उदंती-सीतानदी के अरसी कन्हार में जल जीवन मिशन के तहत पाइप लाइन बिछाकर पानी की व्यवस्था करना है। उदंती- सीतानदी के ओडिशा से सटे देवभोग के अंतिम गांव कोदोमाली में 11 केवी का लाइन बिछाना है।
वन्यजीव के जानकार यह कह रहे
वन्यजीव प्रेमी तथा बाघ संरक्षण के लिए काम करने वाले मध्यप्रदेश, भोपाल निवासी अजय दुबे का कहना है कि टाइगर रिजर्व के विस्थापित होने वाले गांव में सुविधा उपलब्ध होने से ग्रामीण गांव में ही रहना चाहेंगे। वन्यजीव प्रेमी के अनुसार मध्यप्रदेश में टाइगर रिजर्व से सटे गांवों को विस्थापित करने एक सेवानिवृत्त वन अफसर के नेतृत्व में कमेटी बनाई गई थी। कमेटी ने विस्थापित होने वाले गांव को विस्थापन के लिए प्रेरित किया। इसके चलते मध्यप्रदेश की आज टाइगर स्टेट को रूप में पहचान है। वन्यजीव प्रेमी के अनुसार छत्तीसगढ़ सरकार तथा वन विभाग को अपने राज्य में बाघ बढ़ाने मध्यप्रदेश की नितियों का अनुशरण करना चाहिए।
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सहमति के बाद भी विस्थापन नहीं कर पाए
उदंती-सीतानदी में बाघों की निर्वाध आवाजाही करने 34 गांव को शिफ्ट किया जाना है। उनमें से 15 गांव के लोगों ने वर्ष 2017 में विस्थापन प्रक्रिया के लिए अपनी सहमति प्रदान कर दी है। इसी तरह से अचानकमार टाइगर रिजर्व के 19 गांव को शिफ्ट किया जाना है। उनमें से छह गांव की शिफ्टिंग हो गई है। अचानकमार में वर्ष 2020 तक अलग-अलग फेस में गांव शिफ्ट हो जाना था।
यूएसटीआर में बाघ रीइंट्रोड्यूस किया जाएगा
उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व में दो वर्ष पूर्व 31 अक्टूबर 2022 को ट्रैप कैमरा में अंतिम बार बाघ को ट्रैप करने के साथ स्कैट मिला था। इसके बाद से क्षेत्र में बाघ होने के किसी तरह से प्रमाण नहीं मिले हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए उदंती-सीतानदी में एक मेल के साथ दो मादा बाघ फिर से रीइंट्रोड्यूस करने का प्रस्ताव है।
घासीदास में तीन बाघिन ट्रांसलोकेट करने प्रस्ताव
गुरु घासीदास तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व अंतर्गत सेंट्रल इंडियन लैंडस्कैप वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व, संजय टाइगर रिजर्व एवं पलामू टाइगर रिजर्व से माइग्रेट करने वाले बाघों का विचरण कोरिया, सूरजपुर में हो रहा है। वर्तमान में यहां छह बाघों के विचरण करने की पुष्टि हुई है। इसे देखते हुए बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से तीन मादा बाघ ट्रांसलोकेट कर गुरु घासादीस टाइगर रिजर्व लाने प्रस्ताव तैयार किया गया है।