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गरियाबंद जिले के आदिवासी विकासखंड मैनपुर क्षेत्र के पहाड़ी के उपर बसे विशेष पिछड़ी कमार जनजाति एवं आदिवासी ग्रामीण ने मतदान किया।

शेख हसन खान- मैनपुर। गरियाबंद जिले के आदिवासी विकासखंड मैनपुर क्षेत्र के पहाड़ी के उपर बसे विशेष पिछड़ी कमार जनजाति एवं आदिवासी ग्रामीण मतदान करने पैदल लगभग 20 किमी का सफर करके मतदान केंद्र पहुंचे और वोट डालकर लोकतंत्र के महापर्व में अपनी सहभागिता निभाई।

मैनपुर विकासखंड क्षेत्र के कुल्हाड़ीघाट ग्राम पंचायत पहाड़ी के उपर बसे ग्राम कुरूवापानी, ताराझर, मटाल, भालुडिग्गी के ग्रामीण सोमवार को मतदान करने कुल्हाड़ीघाट पहुंचे थे। यहां के ग्रामीणों को वोट डालने के लिए लगभग 20 किमी पगडंडी के सहारे रास्ते को तय करना पड़ता है। पैदल मतदान करने पहुंचे ग्रामीणों ने बताया उनके गांव तक नेता और जनप्रतिनिधि वोट मांगने भी नहीं जाते। उन्हें चुनाव की तारीख बता दी जाती है, फिर ग्रामीण अपने छोटे छोटे बच्चों को लेकर मतदान करने आते हैं। 

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अमली के ग्रामीणों ने तय किया 17 किमी का सफर 

ब्लाक की इंदागांव ग्राम पंचायत अन्तर्गत ग्राम अमली के ग्रामीण 17 किमी पैदल यात्रा करते हुए मतदान करने पहुंचे थे। ग्रामीण मनोहर सिंह, श्यामबाई, अमर नागेश, दशरथ सोरी, दसरी बाई, पीला नेताम, अहिल्या बाई, तिजूराम, बैशाखु, खेजाबाई, मोहनी, सुकबती ने बताया कि हर पांच साल में चाहे विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा या फिर ग्राम पंचायत ग्रामीण मतदान करने पैदल आते हैं। हर बार पक्की सड़क, बिजली की मांग करते हैं। लेकिन अब तक सड़क, बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा और मूलभुत सुविधाएं नहीं पहुंची है।

इन्होंने तय की 10-15 किमी की दूरी 

ग्राम पंचायत दबनई के आश्रित ग्राम लेड़ीबहार, डडईपानी से ग्रामीण 15 किमी दूरी तय कर और ग्राम पंचायत तुहामेटा के आश्रित ग्राम कंवर आमा नारीपानी से 10 किमी दूरी तय कर पैदल मतदान करने पहुंचे। ग्राम डुमरघाट के ग्रामीण भी 18 किमी पैदल चलकर झरियाबाहरा मतदान करने पहुंचे यहां की ग्रामीणों की प्रमुख मांग सड़क, बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा है, जो उन्हें अब तक नसीब नहीं हुई है।

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