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दिल्ली में दिवाली से पहले हवा और यमुना का पानी जहरीला हो गया है। जिसकी वजह से लोगों को जहरीली हवा में सांस लेना पड़ रहा है।

Delhi Air Pollution: दिल्ली के लोग दिवाली से पहले ही दमघोंटू हवा में सांस ले रहे है। राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 'बहुत खराब' श्रेणी में पहुंच गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की मानें, तो सुबह 7 बजे दिल्ली के आनंद विहार और अक्षरधाम मंदिर जैसे हिस्सों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 357  रिकॉर्ड किया है।

दरअसल, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण को देखते हुए, दिल्ली सरकार ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का दूसरा चरण लागू कर दिया है। जहां दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार ऊंचा बना हुआ है, वहीं कालिंदी कुंज में यमुना नदी पर जहरीला झाग तैरता हुआ नजर आया है। इसी बीच दिल्ली जल बोर्ड ने रविवार को घोषणा करते हुए कहा कि यमुना नदी में अमोनिया की मात्रा ज्यादा होने की वजह से 1 नवंबर तक राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों में पानी की कमी रहेगी।

इस वजह से कई इलाकों में नहीं आएगा पानी

 दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली में 110 एमजीडी (मिलियन गैलन प्रति दिन) भागीरथी डब्ल्यूटीपी और 140 एमजीडी सोनिया विहार डब्ल्यूटीपी का कच्चा जल स्रोत ऊपरी गंगा नहर, मुरादनगर और उत्तर प्रदेश से आता है। वहीं उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की ओर से ऊपरी गंगा नहर में निर्धारित वार्षिक रखरखाव की वजह से 12 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक नहर को 12 अक्टूबर की आधी रात को हरिद्वार से बंद कर दिया गया था। जिसकी वजह से दिल्ली में पानी की स्पलाई बाधित हुई है।'

अधिकारियों का कहना है कि जल उपचार संयंत्र (WTP) अब 31 अक्टूबर तक कच्चे पानी के वैकल्पिक स्रोत के रूप में यमुना पर निर्भर हैं। हालांकि, जल बोर्ड के उपाध्यक्ष विजय मिश्रा ने दावा किया कि यमुना नदी में अमोनिया की मात्रा 0.9 पार्ट प्रति मिलियन (PPM) है, जो प्रभावी उपचार के लिए 0.5 पीपीएम की सुरक्षित सीमा से अधिक है।

उन्होंने कहा कि यमुना के प्रदूषित होने से जल उत्पादन में 25-30 प्रतिशत की कमी आई है, जिससे दिल्ली में जलापूर्ति बुरी तरह से प्रभावित हुई है। इसलिए, भागीरथी और सोनिया विहार में पानी के उत्पादन में 30 प्रतिशत तक की कटौती की गई है। इसके अलावा, उत्पादन पूरी तरह से यमुना में कच्चे पानी की गुणवत्ता पर निर्भर करेगा और इन संयंत्रों से उत्पादन उसी के हिसाब अलग-अलग होगा।"

जल बोर्ड ने दिल्लीवासियों को सलाह दी है कि वह पानी बचाकर रखें ताकि त्योहार के समय किसी तरह की परेशानी न हो। 

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