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Delhi Crime Branch: दिल्ली क्राइम ब्रांच ने एक डार्क वेब गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 2 करोड़ से ज्यादा कीमत के नशीले पदार्थ जब्त किए हैं। पुलिस ने इस मामले में दिल्ली के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

Delhi Crime Branch: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अंतर्राष्ट्रीय डार्क वेब ड्रग कार्टेल को ध्वस्त किया है। क्राइम ब्रांच की टीम ने गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए 2 करोड़ से अधिक कीमत का 6 किलो हाइड्रोपोनिक वीड बरामद किया है। यह कार्रवाई दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले दिल्ली में चल रहे ऑपरेशन कवच के तहत की गई है। बता दें कि इस अभियान के तहत राजधानी में नशे के कारोबारियों और तस्करों पर नकेल कसी जा रही है।

दिल्ली के दो आरोपी गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह गिरोह ब्लॉकचेन-आधारित गोपनीयता रखने वाली एक संचार ऐप और डेड ड्रॉप डिलीवरी का उपयोग करके अवैध तरीके से संचालित किया जा रहा था, जिसका खुलासा क्राइम ब्रांच की टीम ने किया है। अधिकारी ने बताया कि क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल करके लेनदेन किया जा रहा था। जानकारी के मुताबिक, इस कार्रवाई में दिल्ली निवासी अब्दुल मलिक उर्फ ​​परवेज (46) और मयंक नैयर (35) को गिरफ्तार किया गया है, जो इस गिरोह के मुख्य आरोपी हैं।

इस तरह पकड़े गए आरोपी

दिल्ली क्राइम ब्रांच को इस गिरोह के बारे में तब जानकारी मिली, जब पुलिस ने विदेशी डाकघर में नशीले पदार्थों के कई पार्सल पकड़े, जिसमें अमेरिका से मंगाया गया 5 किलो हाइड्रोपोनिक गांजा था। जांच में पता चला कि पार्सल फर्जी प्राप्तकर्ताओं को भेजे गए थे, लेकिन पुलिस ने इंटरनेट संचार और डेटा माइनिंग की जांच के द्वारा आरोपी अब्दुल मलिक तक पहुंची, जो कि इस पार्सल को कलेक्ट करने वाला था।

पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि अब्दुल मलिक के परिसर नें छापेमारी में 871 ग्राम अतिरिक्त गांजा पाया गया और साथ ही एक मोबाइल फोन बरामद किया गया, जिसका इस्तेमाल ड्रग्स के लेनदेन में किया जाता था। आरोपी अब्दुल मलिक से पूछताछ के बाद पता उसने बताया कि वह इस गिरोह के मुखिया मयंक नैयर के साथ काम करता है।

कोविड के समय नुकसान होने से शुरू की तस्करी

जानकारी के मुताबिक, मयंक नैयर ने गुरुग्राम से बीबीए में ग्रेजुएशन की है और उसके परिवार का कैंसर की दवा एक्सपोर्ट करने का बिजनेस था। पूछताछ में पता चला कि कोविड महामारी के दौरान उनके परिवार को भारी नुकसान हो गया था, जिसके बाद उसने अवैध तस्करी शुरू कर दी। मयंक नैयर को डार्क वेब के बारे में काफी जानकारी है, जिसका गलत तरीके से इस्तेमाल करके उसने अमेरिका से ज्यादा डिमांड वाली हाइड्रोपोनिक वीड ऑर्डर की और मलिक के द्वारा इसकी डिलीवरी की। नैय्यर ने ऑर्डर का भुगतान क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से किया।

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