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दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम ने चोरी और छीने गए मोबाइल फोन को नेपाल में पहुंचाने वाले रैकेट में शामिल पांच लोगों को गिरफ्तार किया है।

Delhi News: क्राइम ब्रांच ने दिल्ली से चोरी और छीने गए मोबाइल फोन को नेपाल में खपाने वाले रैकेट में शामिल पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। इनसे 473 मोबाइल फोन बरामद हुए हैं। दो आरोपी नेपाली मूल के भी बताए गए हैं। इस रैकेट के पकड़े जाने से दिल्ली एनसीआर के 91 मामले सुलझाने का दावा पुलिस की तरफ से किया गया है। आरोपियों की दो कार भी जब्त की गई है।

पांच लोग गिरफ्तार

पुलिस के अनुसार, पकड़े गए लोगों में चंपावत, उत्तराखंड निवासी पारस जोशी, नेपाल निवासी इंदर बहादुर, मान सिंह, दिल्ली निवासी रविन्द्र मदान और सतीश शामिल हैं। इनके पास से मिले 280 मोबाइल दर्ज मामलों से कनेक्ट हुए हैं। तफ्तीश में खुलासा हुआ कि आरोपी इन मोबाइल फोन को नेपाल भेजते थे। इस गैंग में शामिल कुछ लोग पहले भी अरेस्ट किए जा चुके हैं।

पूछताछ में किया खुलासा

पूछताछ के दौरान पारस जोशी ने खुलासा किया कि वह मान सिंह के माध्यम से नेपाल निवासी उमेश के संपर्क में आया और मोबाइल दिल्ली से नेपाल भेजने लगा। हर डिलीवरी के एवज में उमेश उसे 10 हजार रुपये देता था। पारस और मान सिंह प्रत्येक शनिवार को दिल्ली में इंदर से मोबाइल फोन लेता था। इसके बाद पारस अपनी कार से उन्हें उत्तराखंड में भारत नेपाल सीमा पर पहुंचाता था।

वहां से मान सिंह फोन को किस्तों में नेपाल के महेंद्र नगर ले जाता था। मान सिंह महेंद्र नगर में इलेक्ट्रॉनिक्स सामान की दुकान चलाता है और पिछले 4-5 सालों से उमेश के लिए काम कर रहा था। पिछले एक साल में पांच हजार से ज्यादा मोबाइल फोन नेपाल पहुंचाए जा चुके थे। पारस उत्तराखंड में मूर्गी फार्म भी चलाता है। आरोपी इंदर बहादुर उमेश का पड़ोसी है। वह उमेश के लिए पांच साल से काम कर रहा था। आरोपी सतीश बैटरी रिक्शा रिपेयर शॉप चलाता है। इसके साथ ही घर पर मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान भी कर रहा था। वहीं आरोपी रविन्द्र मदान नजफगढ में इलेक्ट्रॉनिक्स सामान की फैक्टरी चला रहा था। दोस्त अनिल चावला के जरिए वह उमेश के संपर्क में आकर इस धंधे का हिस्सा बना था।

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