Delhi Politics: दिल्ली विधानसभा चुनाव का रिजल्ट 8 फरवरी को आने वाला है। इससे पहले दिल्ली की राजनीति में भूचाल आ गया है। वोटिंग डे के बाद से ही आम आदमी पार्टी के कई नेता ये राग अलाप रहे हैं कि बीजेपी आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों से संपर्क साधने में लगी हुई है, ताकि चुनाव के अंजाम को बदला जा सके। खासकर आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल और आप सांसद संजय सिंह का नाम इस सूची में सबसे आगे आ रहा है। लेकिन आप के दोनों दिग्गज नेता यह बयान देकर बुरी तरह फंस चुके हैं।
दिल्ली बीजेपी सेक्रेटरी का एलजी को पत्र
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली बेजेपी सेक्रेटरी विष्णु मित्तल दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने लिखा कि वे भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो और किसी अन्य जांच एजेंसी को निर्देश दें कि वे आप के अरविंद केजरीवाल और संजय सिंह द्वारा आप के मौजूदा 7 विधायकों को 15 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश के आरोपों के संबंध में एफआईआर दर्ज करें और विस्तृत जांच करें।
घिर चुके हैं संजय सिंह और केजरीवाल
पत्र में आगे कहा कि यह अनुरोध किया जाता है कि अरविंद केजरीवाल और संजय सिंह को बुलाया जाए और विधायकों से संपर्क करने वाले व्यक्ति के विवरण और संपर्क के तरीके और माध्यम आदि के संबंध में विस्तृत पूछताछ की जाए। सच्चाई का पता लगाने के लिए इसकी जांच की जानी चाहिए। इससे साफ लग रहा है कि रिजल्ट के बीच केजरीवाल और संजय सिंह को इसका भारी खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
Delhi BJP General Secretary Vishnu Mittal writes to Delhi Lt Governor VK Saxena seeking his direction to Anti-Corruption Bureau and any other investigating agency for registration of an FIR and detailed investigation to be done regarding AAP's Arvind Kejriwal & Sanjay Singh's… pic.twitter.com/19KrUJSJeQ
— ANI (@ANI) February 7, 2025
केजरीवाल ने क्या आरोप लगाया
दरअसल केजरीवाल भी यह बयान दे चुका है कि अगर बीजेपी 55 सीटें जीतने का दावा कर रही है, तो आप के प्रत्याशियों के साथ संपर्क क्यों साथ रही है। केजरीवाल ने यहां तक कह दिया है कि बीजेपी हमारे प्रत्याशियों को बोल रही है कि हमारे साथ आ जाओ तो मंत्री बना देंगे और 15-15 करोड़ रुपये भी देंगे। इसमें कोई दोराई नहीं है कि आम आदमी पार्टी के लिए यह चुनाव पार्टी का अस्तित्व बचाने की लड़ाई है। अगर केजरीवाल दिल्ली में ही हार जाते हैं, तो इसका खामियाजा पंजाब में भी देखने को मिलेगा। दूसरी ओर बीजेपी 27 साल बाद दिल्ली में वापसी करने का ख्वाब देख रही है।
ये भी पढ़ें:- अरविंद केजरीवाल ने भाजपा पर लगाए आरोप: बोले- अगर 55 सीटें मिल रही हैं, तो हमारे नेताओं को खरीदने की कोशिश क्यों?