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Delhi Crime: दिल्ली क्राइम ब्रांच की एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने एक 35 वर्षीय महिला निधि को गिरफ्तार कर लिया है। उसके पास से 60 से ज्यादा नशीले इंजेक्शन बरामद किए गए हैं। वो जिम जाने वाले लोगों को अपना शिकार बनाती थी। 

Delhi Crime: इन दिनों दिल्ली में 'नशा मुक्त अभियान' चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने 2027 तक दिल्ली को नशा मुक्त बनाने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद से ही दिल्ली पुलिस एक्टिव हो गई है। दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने एक महिला को गिरफ्तार किया है और नशीले इंजेक्शन की खेप बरामद की है। 

जिम जाने वाले लड़कों को बनाती थी शिकार

डीसीपी भीष्म सिंह ने बताया कि 26 दिसंबर को सूचना मिली थी कि निधि नाम की एक महिला जिम जाने वालों को स्टैमिना बढ़ाने के लिए मेफेन्टरमाइन इंजेक्शन बेचती है। सूचना के आधार पर एएनटीएफ ने दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर छोपेमारी के लिए टीम का गठन किया। इसके बाद टीम ने महिला को पकड़ लिया और महिला के घर की तलाशी लेने पर बड़ी मात्रा में मेफेन्टरमाइन इंजेक्शन बरामद किए गए। अधिकारियों का कहना है कि 35 वर्षीय निधि नाम की महिला बिना उचित लाइसेंस के इंजेक्शन बेच रही थी।

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नहीं मिला आपराधिक रिकॉर्ड

पूछताछ में महिला ने बताया कि वो बेरोजगार है। हालांकि पुलिस को उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं मिला है। घर में मेफेन्टरमाइन इंजेक्शन रखने के जुर्म में उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। उसके घर से 60 इंजेक्शन बरामद किए गए हैं। महिला के खिलाफ ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। इस एक्ट के तहत जुर्म साबित होने पर न्यूनतम तीन साल और अधिकतम आजीवन कारावास की सजा हो सकती है।

ड्रग तस्करों का बड़ा नेटवर्क होने का शक

अंदेशा लगाया जा रहा है कि इस अपराध में ड्रग तस्करों का बड़ा नेटवर्क शामिल हो सकता है। बता दें कि मेफेन्टरमाइन इंजेक्शन लाइसेंस के बिना न ही बेचा जा सकता है और न ही घर में रखा जा सकता है। इसका सेवन करने के लिए भी डॉक्टर से परामर्श करना होता है।

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