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Delhi Elections: दिल्ली विधानसभा चुनाव में तुगलकाबाद विधानसभा सीट पर कांटे की टक्कर होने वाली है। भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने इस सीट पर गुर्जर समुदाय के उम्मीदवार को टिकट दी है।

Delhi Elections: दिल्ली में पांच फरवरी को विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इस दिन दिल्ली की सभी 70 सीटों पर चुनाव होंगे। दिल्ली के चुनावों में तुगलकाबाद विधानसभा सीट भी एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। इस सीट से वर्तमान में कालकाजी विधानसभा से भाजपा उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी तीन बार विधायक रहे हैं। हालांकि पिछले दो बार से भाजपा को यहां पर हार का सामना करना पड़ रहा है। भाजपा नई रणनीति के साथ तुगलकाबाद के चुनावी मैदान में उतर चुकी है। 

तुगलकाबाद क्षेत्र में क्या हैं लोगों की समस्याएं

इस क्षेत्र में जलभराव की समस्या, अवैध कॉलोनियां, पार्कों की कमी, पानी की समस्या और कई बुनियादी समस्याएं हैं, जिसको ध्यान में रखते हुए इस बार का मतदाता मतदान करेगा। इस सीट पर पानी की समस्या और जलभराव की समस्या सबसे अहम मुद्दा है। पानी की समस्या को लेकर यहां कई बार मारपीट की खबरें भी सामने आती रही हैं। वहीं बारिश के मौसम में जगह-जगह जलभराव होने के कारण लोगों को समस्या का सामना करना पड़ता है। 

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तुगलकाबाद में देखने को मिलेगा त्रिकोणीय मुकाबला

कांग्रेस, भाजपा और आम आदमी पार्टी में यहां कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है क्योंकि इस बार तीनो ही पार्टियों ने गुर्जर समुदाय के उम्मीदवारों पर दांव लगाया है और इस सीट पर अधिकतर मतदाता गुर्जर समाज से ही आते हैं। जहां भाजपा ने तुगलकाबाद से अपना प्रत्याशी विक्रम बिधूड़ी का टिकट काटकर उनकी जगह पर रोहताश बिधूड़ी को टिकट दी है। वहीं कांग्रेस ने इस बार शुभम शर्मा की जगह वीरेंद्र बिधूड़ी (भाजपा से कांग्रेस में आए) पर दांव खेला है और आम आदमी पार्टी ने दो बार से विधायक रहे सही राम पहलवान को तीसरी बार भी मौका दिया है। 

क्या हैं समीकरण

इस सीट पर कांग्रेस 1998 के बाद अब तक वापसी नहीं कर पाई है। वहीं भाजपा नेता रमेश बिधूड़ी 2003 में पहली बार और 2013 में तीसरी बार विधायक बने। इसके बाद 2015 में आम आदमी पार्टी के सही राम पहलवान ने ये सीट जीती और तब से वो इस सीट पर काबिज हैं। वहीं भाजपा सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी के भाई वीरेंद्र बिधूड़ी को टिकट नहीं दिया गया, जिसके कारण वो नाराज होकर कांग्रेसी खेमे में जा पहुंचे और तुगलकाबाद विधानसभा सीट से चुनाव भी लड़ रहे हैं। पिछले साल लोकसभा चुनाव के दौरान वे अपने भाई रामवीर सिंह बिधड़ी के लिए भाजपा की तरफ से प्रचार कर रहे थे। कांग्रेस ने वीरेंद्र बिधूड़ी को टिकट देने के लिए शुभम शर्मा को इस सीट से दरकिनार किया है। 

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पिछले विधानसभा चुनावों के परिणाम

1993 में निर्दलीय उम्मीदवार शीशपाल ने जीत हासिल की थी। 1998 में कांग्रेस की टिकट पर शीशपाल ने चुनाव लड़ा और एक बार फिर जीत हासिल की। 2003 में रमेश बिधूड़ी पहली बार विधानसभा चुनाव में उतरे और शीशपाल को हराकर तुगलकाबाद के विधायक बने। 2008 और 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में तुगलकाबाद सीट से रमेश बिधूड़ी ने फिर से चुनाव जीता। इस दौरान उन्होंने सहीराम पहलवान को हराया था। 2014 में रमेश बिधूड़ी दक्षिणी दिल्ली से सांसद बने और उनकी जगह विक्रम बिधूड़ी ने दो बार चुनाव लड़ा और दोनों बार आप प्रत्याशी सही राम पहलवान के सामने ढेर हो गए। 2015 में हुए विधानसभा चुनावों में भी सहीराम पहलवान ने जीत दर्ज की थी। 

2020 में कैसा रहा हाल

पिछले विधानसभा चुनाव 2020 में तुगलकाबाद विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के सहीराम पहलवान को 58905 वोट मिले थे। वहीं भाजपा प्रत्याशी विक्रम बिधूड़ी को 45147 वोट मिले थे। इस तरह सही राम पहलवान ने विक्रम बिधूड़ी को 13758 वोटों से करारी हार दी थी। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी शुभम शर्मा को केवल 1342 मतों पर ही संतोष करना पड़ा था। ऐसे में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां इस सीट पर जीत हासिल करने का इंतजार कर रही हैं। हालांकि इस सीट से किस प्रत्याशी की किस्मत खुलेगी और किसे हार का सामना करना पड़ेगा, इसका पता तो 8 फरवरी को चुनावी परिणाम की घोषणा होने के बाद ही पता चल  पाएगा।

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