Delhi Crime News: दिल्ली के आउटर नॉर्थ जिला पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। पुलिस ने साइबर ठगों के एक खतरनाक गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है, लेकिन मास्टरमाइंड अब भी फरार है। ये गिरोह बाहरी दिल्ली से पूरे देश में लोगों के बैंक खातों को खाली कर रहा था और अब तक 500 से ज्यादा लोगों को अपना शिकार बना चुका है। गिरफ्तार आरोपियों के पास से कई फर्जी सिम, मोबाइल और अन्य उपकरण बरामद किए गए हैं।
विशेष टीम गठित
पीड़ित ने 11 फरवरी को दिल्ली पुलिस को शिकायत दी, जिसमें उन्होंने बताया कि क्रेडिट कार्ड बनवाने के झांसे में उनके मौजूदा क्रेडिट कार्ड से 21,000 रुपये निकाल लिए गए। चौंकाने वाली बात यह है कि पीड़ित ने ठग को न तो ओटीपी दिया और न ही कार्ड की जानकारी दी, फिर भी ठगों ने उनका खाता खाली कर दिया। पुलिस को मिली शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई। साथ ही इंस्पेक्टर रमन कुमार सिंह के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित कर जांच शुरू कर दी गई।
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मनी ट्रेल के आधार पर हुई गिरफ्तारी
जांच शुरू होते ही पुलिस ने मनी ट्रेल को ट्रैक करना शुरू किया। इस दौरान कुछ मोबाइल नंबरों का पता चला, लेकिन जब पुलिस इन नंबरों के मालिकों तक पहुंची तो सामने आया कि ये सिम आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के नाम पर 300 से 500 रुपये में खरीदे गए थे। मनी ट्रेल के आधार पर पुलिस ने तीनों आरोपियों- अजय, राकेश और जयदीप की पहचान की और सबूत जुटाने के बाद इन्हें गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान तीनों आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। उन्होंने बताया कि वे अपने मास्टरमाइंड के निर्देशों का पालन करते थे और उन्हें इसके बदले कमीशन मिलता था।
ऐसे करता था ठगी
इस गिरोह ने ठगी के लिए बड़े बैंकों के नाम से फर्जी वेबसाइट्स बनाई थीं। राकेश एक कॉल सेंटर चलाता था, जहां से लोगों को फोन करता था। अजय सिम का इंतजाम करता था, जो गरीब लोगों को 300-500 रुपये देकर उनके नाम पर सिम लेता था और ठगी के बाद सिम तोड़कर फेंक देता था। कॉल सेंटर से क्रेडिट कार्ड बनवाने का ऑफर देने पर इच्छुक लोगों को एक फॉर्म भेजता था, जिसमें बैंक डिटेल और पैन कार्ड की जानकारी मांगी जाती थी। इसके बाद एक लिंक भेजकर फोन को क्लोन कर लिया जाता था। जैसे ही ओटीपी आता, ठगों को पता चल जाता और वे खाता खाली कर देते थे।
500 से ज्यादा लोगों को बनाया निशाना
पुलिस के अनुसार, इस गैंग ने पूरे देश में 500 से ज्यादा लोगों को अपना शिकार बनाया है। ये गिरोह तकनीक का इस्तेमाल कर बिना ओटीपी या कार्ड डिटेल शेयर किए खातों से पैसे निकाल लेता था। फिलहाल आउटर नॉर्थ जिला पुलिस इस गिरोह के मास्टरमाइंड की तलाश में जुटी है। साथ ही, लोगों से अपील की गई है कि वे अनजान लिंक पर क्लिक करने और अपनी बैंक जानकारी साझा करने से बचें। यह घटना साइबर ठगी के बढ़ते खतरे को दर्शाती है, जिससे निपटने के लिए जागरूकता और सख्त कार्रवाई की जरूरत है।
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