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हरियाणा के सोनीपत में एक फर्जी कॉल सेंटर का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। चार दोस्त मिलकर अमेरिकी नागरिकों को कॉल कर ठगी का शिकार बनाते थे। पुलिस ने आठ युवकों और एक युवती को पकड़ा है। जानें कैसे चल रहा था यह गिरोह।

Fake call center exposed in Sonipat : सोनीपत में बैठकर एक फर्जी कॉल सेंटर के जरिये अमेरिकी नागरिकों से साइबर फ्रॉड करने वाले गिरोह का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। यह गिरोह लेक ग्रोव सोसायटी में चल रहा था। गिरोह के सदस्य अमेरिकी नागरिकों से बैंक और एपल के कर्मचारी बनकर ठगी करते थे। पुलिस ने 9 लोगों को गिरफ्तार कर जांच शुरू कर दी है। 

चार दोस्तों की थी बराबर की हिस्सेदारी

पुलिस के अनुसार, लेक ग्रोव सोसाइटी की चौथी मंजिल पर एक फ्लैट में शुभम भारद्वाज, विपुल, कर्ण और निशांत मिलकर फर्जी कॉल सेंटर चला रहे थे। फ्लैट में छापेमारी की तो वहां आठ युवक और एक युवती मिले। ये अमेरिकी नागरिकों से लैपटॉप के जरिये कॉल कर रहे थे। पूछताछ में पता चला कि विपुल, शुभम, निशांत और कर्ण यह कॉल सेंटर बराबर की साझेदारी में चलाते हैं। सूरज और अमन जोगी 30 हजार रुपये सैलरी और कमीशन पर काम करते थे। इनके अलावा अनिकेत, मानसी, चिराग शर्मा, आशीष, अमन और ध्रुव डायलर का काम करते थे, जिन्हें 15 हजार रुपये सैलरी व कमीशन मिलता था। 

ऐसे करते थे ठगी

आरोपी टोल फ्री नंबर 18332387409 पर माइक्रो एसआईपी और एक्स-लाइट के जरिये अमेरिकी नागरिकों को कॉल करते थे। बैंक और एपल कस्टमर केयर से बताकर उन्हें फोन हैक होने और डिपोर्ट का डर दिखाते थे। गिफ्ट कार्ड के जरिये भी ठगी होती थी। 

यह सामान किया बरामद

पुलिस ने आरोपियों के पास से सात लैपटॉप और 10 मोबाइल फोन बरामद किए हैं। विपुल के मोबाइल से विदेशी नागरिकों की कॉल लिस्ट, इमिग्रेशन की लिस्ट, गिफ्ट एपल और यूएसडीटी ट्रांजैक्शन के फोटो मिले हैं। आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। 

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