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दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालय ने इस संबंध में आदेश जारी करते हुए कहा कि प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया समेत किसी भी माध्यम से एग्जिट पोल या ओपिनियन पोल के नतीजों का प्रचार नहीं किया जा सकेगा। यह प्रतिबंध मतदान समाप्ति तक लागू रहेगा।  

Delhi Elections 2025 Exit Poll Restrictions: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर चुनाव आयोग ने एक अहम फैसला लिया है। आयोग ने 5 फरवरी को सुबह 7:00 बजे से लेकर शाम 6:30 बजे तक किसी भी प्रकार के एग्जिट पोल के आयोजन, प्रसारण और प्रकाशन पर सख्त प्रतिबंध लगा दिया है। दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालय ने इस संबंध में आदेश जारी करते हुए कहा कि प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया समेत किसी भी माध्यम से एग्जिट पोल या ओपिनियन पोल के नतीजों का प्रचार नहीं किया जा सकेगा। यह प्रतिबंध मतदान समाप्ति तक लागू रहेगा।  

लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत कार्रवाई

चुनाव आयोग ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126क (1) के तहत अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए यह प्रतिबंध लगाया है। इस अधिनियम के तहत, मतदान समाप्ति से 48 घंटे पहले किसी भी ओपिनियन पोल या चुनाव संबंधी विश्लेषण को प्रसारित करना गैर-कानूनी माना जाता है। आयोग ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि इस दौरान किसी भी न्यूज चैनल, समाचार पत्र, रेडियो, डिजिटल प्लेटफॉर्म या अन्य मीडिया माध्यमों पर चुनाव सर्वेक्षण के नतीजे दिखाने या प्रचारित करने पर पूरी तरह से रोक होगी।  

क्यों लगाया जाता है एग्जिट पोल पर प्रतिबंध?

चुनाव आयोग आमतौर पर मतदान से पहले और मतदान के दौरान किसी भी प्रकार की पूर्वानुमानित जानकारी को साझा करने पर रोक लगाता है, ताकि मतदाता निष्पक्ष तरीके से अपना वोट डाल सकें। एग्जिट पोल के नतीजों से मतदान को प्रभावित करने की आशंका रहती है, इसी वजह से आयोग इस पर सख्त नियंत्रण रखता है।  

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एग्जिट पोल कब तक रहेगा प्रतिबंधित?

5 फरवरी 2025 को सुबह 7:00 बजे से शाम 6:30 बजे तक किसी भी प्रकार के एग्जिट पोल या ओपिनियन पोल के प्रसारण, प्रकाशन और प्रचार पर पूर्ण रोक लगाया गया है। निर्वाचन आयोग ने साफ किया है कि अगर कोई भी व्यक्ति, मीडिया हाउस या संगठन इस नियम का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत इस तरह के उल्लंघन पर जुर्माना या अन्य दंडात्मक प्रावधान लागू किए जा सकते हैं। चुनाव आयोग ने सभी मीडिया संस्थानों और राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे इस आदेश का पूरी तरह से पालन करें और निष्पक्ष एवं स्वतंत्र चुनाव प्रक्रिया में सहयोग दें।

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