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Delhi news: ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण ने अपने क्षेत्र की जमीनों के दाम को बढ़ने की तैयारी कर रही है। जमीन की दरों को लेकर इसका प्रस्ताव अगली बोर्ड बैठक में रखा जाएगा।

Delhi news: ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण ने अपने क्षेत्र की जमीनों के दाम को बढ़ने की तैयारी कर रही है। जमीन की दरों को लेकर इसका प्रस्ताव अगली बोर्ड बैठक में रखा जाएगा। साथ ही, बोर्ड बैठक में वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट भी पेश किया जाएगा। इस बोर्ड की बैठक में प्राधिकरण के अधिकारियों अनुसार संपत्तियों की आवंटन कर, इसकी दरों में पांच प्रतिशत तक की वृद्धि हो सकती है। साथ ही इसका प्रस्ताव बोर्ड बैठक में रखा जाएगा। इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद ग्रेटर नोएडा में जमीन खरीदना और भी महंगा हो जाएगा। बता दें कि आने वाले नए वित्तीय वर्ष आवंटन दरों में हर वर्ष कुछ फीसदी वृद्धि की जाती है।

5 करोड़ से ज्यादा हो सकता है बजट

इस बैठक में वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट का अनुमान लगाया जा रहा है कि, पेश होने वाला बजट पांच करोड़ से अधिक हो सकता है। साथ ये भी कहा जा रहा है कि अधिग्रहण के दायरे में आने वाली किसानों की जमीनों को मिलने वाली मुआवजा की राशि में वृद्धि होने की भी संभावना है। सूत्रों के मुताबिक, अभी मौजूदा दर 4,125 रुपये प्रति वर्गमीटर है, लेकिन किसान अपनी जमीन इस दर पर देने को बिलकुल भी तैयार नहीं हैं। जिस वजह से विकास के कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही है, और नई परियोजनाओं के लिए जमीन नहीं मिल पा रही है।

प्राधिकरण की मौजूदा मुआवजा दर और बाजार दर में काफी अंतर है। बोर्ड बैठक में शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में सुविधाएं बढ़ाने, औद्योगिक विकास, सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था समेत 15 से अधिक प्रस्ताव रखे जा सकते हैं। इसके साथ ही प्राधिकरण ने सहमति के आधार पर जमीन खरीदने के लिए गांवों में शिविर लगाए, लेकिन सफलता नहीं मिली। जिस वजह से सर्किल रेट की मुआवजा राशि बढ़ने की पूरी उम्मीद है।

28 मार्च को पेश होगा बजट

सरकार द्वारा यमुना विकास प्राधिकरण (YEDA ) ने  वित्तीय वर्ष 2025-26  के लिए पहले से ही कार्य योजनाएं तैयार ली हैं। इन्ही योजनाओं के लिए करीब साढ़े छह हजार करोड़ रुपये का बजट भी तैयार किया जा रहा है। इस बजट को आने वाली बोर्ड बैठक 28 मार्च को पेश किया जाएगा। पिछले वर्ष करीब 8,870 करोड़ रुपये का बजट पेश हुआ था। जिसमें करीब छह हजार करोड़ रुपये भूमि को खरीद और अधिग्रहण के लिए निर्धारित किया गया था। लेकिन लक्ष्य के मुताबिक ऐसा नहीं हो पाया। इसका नतीजा, पिछले वर्ष का बजट पूरी तरह से खर्च नहीं हो पाया।

इसी उक्त बजट को पुनरीक्षित किया जाना है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कहा जा रहा है कि इस बजट का सबसे अधिक खर्च भूमि खरीद पर ही किया जाएगा। जिस कारण नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के तीसरे और चौथे चरण में 2,053 हेक्टेयर जमीन खरीदने की प्रक्रिया चल रही है। इस एयरपोर्ट में अपनी जमीन देने वाले किसानों को 4,300 रुपये प्रतिकर के हिसाब से मुआवजा दिया जायेगा। इसी के साथ मुआवजा वितरण का भी चार्ट तैयार करेगा, जिससे जमीन व मुआवजे की गणना आसानी से की जा सके।

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