Mayawati on Delhi Assembly elections: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के प्रचार अभियान के आखिरी दिन बहुजन समाज पार्टी (BSP) की प्रमुख और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि इस बार उनकी पार्टी पहले से बेहतर प्रदर्शन करेगी, लेकिन चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी होना चाहिए। मायावती ने आरोप लगाया कि चुनाव में धनबल, बाहुबल और साम्प्रदायिक राजनीति का असर पड़ सकता है, जिससे निष्पक्षता प्रभावित हो सकती है।
मायावती ने ईवीएम गड़बड़ी की जताई आशंका
मायावती ने ईवीएम (EVM) को लेकर सवाल उठाए और कहा कि कई पार्टियों को इस बात की आशंका है कि अगर चुनाव में धांधली नहीं होती और ईवीएम से छेड़छाड़ नहीं की जाती, तो बीएसपी को अच्छे नतीजे मिलेंगे। उन्होंने कहा कि अगर चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से होते हैं, तो हमारी पार्टी पहले से कहीं बेहतर प्रदर्शन करेगी। लेकिन अगर धांधली हुई, तो नतीजे प्रभावित हो सकते हैं।
बीजेपी पर निशाना- दिल्ली की बदहाली के लिए केंद्र और राज्य दोनों जिम्मेदार
मायावती ने दिल्ली की बदहाल स्थिति के लिए केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि बीजेपी के एक वरिष्ठ मंत्री ने दिल्ली की स्थिति को लेकर विदेशी मंच पर शर्मिंदगी जाहिर की, लेकिन यह संकीर्ण राजनीति का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में विकास और कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी सिर्फ राज्य सरकार की नहीं, बल्कि केंद्र सरकार की भी है। राजनीतिक द्वेष के कारण जनहित के मुद्दों को नजरअंदाज करना गलत है।
झुग्गी-झोपड़ी और अविकसित कॉलोनियों पर बोलीं मायावती
मायावती ने दिल्ली की अविकसित कॉलोनियों और झुग्गी-झोपड़ियों की स्थिति को लेकर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि इन इलाकों में अभी भी बुनियादी सुविधाओं की कमी है और चुनाव के दौरान राजनीतिक दल सिर्फ वादे करते हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई बदलाव नहीं होता। उन्होंने दिल्ली के मतदाताओं से अपील की कि वे जाति, धर्म और क्षेत्रीय राजनीति से ऊपर उठकर संविधान और अंबेडकरवादी विचारधारा को अपनाएं और बीएसपी को समर्थन दें।
दिल्ली में बीएसपी का प्रदर्शन- 70 सीटों पर लड़ रही है चुनाव
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में बीएसपी ने सभी 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। हालांकि, पिछले तीन विधानसभा चुनावों में पार्टी एक भी सीट जीतने में नाकाम रही थी। इस बार मायावती को उम्मीद है कि बीएसपी पहले से बेहतर प्रदर्शन करेगी और मतदाता उन्हें समर्थन देंगे। मायावती की यह बयानबाजी चुनाव से पहले बसपा को मजबूती देने की कोशिश के रूप में देखी जा रही है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस बार बीएसपी दिल्ली में अपना खाता खोल पाती है या नहीं।