MCD Seals Private School: वेस्ट दिल्ली के रघुवीर नगर में एक निजी स्कूल को एमसीडी की टीम ने अचानक सील कर दिया, जिससे इलाके में अफरातफरी मच गई। हैरानी की बात यह रही कि जिस वक्त सीलिंग की कार्रवाई की गई, उस समय स्कूल के अंदर टीचर और छात्र मौजूद थे। बाद में जब अभिभावकों और स्थानीय लोगों को इस घटना की जानकारी मिली, तो वे स्कूल के बाहर जमा होकर हंगामा करने लगे।
स्कूल के बाहर जुटे अभिभावक, एमसीडी की कार्रवाई पर उठाए सवाल
स्कूल को सील किए जाने की खबर मिलते ही बड़ी संख्या में अभिभावक और स्थानीय लोग स्कूल के बाहर इकट्ठा हो गए। उन्होंने एमसीडी की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि बिना किसी पूर्व सूचना के इस तरह स्कूल को सील कर देना गलत है। इस हंगामे के कारण मौके पर दिल्ली पुलिस भी पहुंची, जिसने हालात को संभालने की कोशिश की।
दो घंटे तक बंद रहा स्कूल, फिर खोला गया और बच्चों को निकाला गया
लगभग दो घंटे तक स्कूल के भीतर फंसे रहने के बाद, एमसीडी अधिकारियों को स्थिति की गंभीरता का एहसास हुआ। पुलिस और स्थानीय लोगों के दबाव के बाद एमसीडी ने स्कूल को दोबारा खोला, जिससे अंदर मौजूद शिक्षक और बच्चे बाहर निकल सके। इसके बाद स्कूल को एक बार फिर सील कर दिया गया।
शिक्षकों का आरोप- बिना नोटिस के की गई सीलिंग, नहीं दी गई कोई जानकारी
स्कूल प्रशासन और शिक्षकों ने एमसीडी की कार्रवाई पर नाराजगी जताते हुए कहा कि उन्हें इस सीलिंग के बारे में कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई थी। स्कूल की एक शिक्षिका ने बताया कि जब स्कूल को सील किया गया, तब वहां मौजूद बच्चे डर गए और शिक्षकों को भी इस स्थिति से निपटने में कठिनाई हुई। उन्होंने यह भी कहा कि एमसीडी अधिकारियों ने स्कूल को सील करने का कारण तक नहीं बताया।
एमसीडी अधिकारियों ने नहीं दिया जवाब, सवालों से बचते रहे अधिकारी
जब मौके पर मौजूद एमसीडी के जूनियर इंजीनियर (JE) से इस कार्रवाई के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कोई भी बयान देने से इनकार कर दिया। उन्होंने यह भी स्पष्ट नहीं किया कि क्या स्कूल को सील करने से पहले अंदर कोई जांच की गई थी या नहीं। स्थानीय लोगों और अभिभावकों का कहना है कि एमसीडी को पहले स्कूल प्रशासन को नोटिस देकर उचित प्रक्रिया का पालन करना चाहिए था।
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स्थानीय लोगों की मांग- स्कूल को दोबारा खोला जाए
इस पूरे घटनाक्रम के बाद अभिभावकों और स्थानीय लोगों ने मांग की है कि स्कूल को दोबारा खोला जाए और बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो। इस मामले को लेकर एमसीडी अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है, लेकिन अब तक कोई ठोस जवाब नहीं मिला है।
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