Noida Traffic Police: नोएडा ट्रैफिक पुलिस ने एक्सप्रेसवे पर जाम से निपटने के लिए नया चालान घोषित किया है। ट्रैफिक पुलिस ने नोएडा एक्सप्रेसवे को ‘ब्रेकडाउन चालान’ क्षेत्र घोषित किया है। ब्रेकडाउन चालान यानी कि अगर कोई गाड़ी एक्सप्रेसवे पर खराब हो जाती है और उसकी वजह से जाम की समस्या होती है, तो पुलिस चालान जारी कर सकती है और साथ में गाड़ी को जब्त भी कर सकती है। बता दें कि रोजाना करीब 5 लाख लोग इस एक्सप्रेसवे का उपयोग करते हैं, जो नोएडा-ग्रेटर नोएडा और दिल्ली के साथ ही यमुना एक्सप्रेसवे को भी जोड़ता है।
20000 रुपए तक को होगा चालान
ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक, यह जुर्माना मोटर वाहन अधिनियम की धारा 201 के तहत लगाया जाएगा। इस अधिनियम में सड़क पर ट्रैफिक जाम के लिए प्रावधान है, जिसमें 5,000 से 20,000 रुपये तक का जुर्माना वसूला जा सकता है। नोएडा के ट्रैफिक डीसीपी लखन सिंह यादव ने बताया कि एक्सप्रेसवे पर ज्यादा संख्या में वाहन चलने की वजह से ट्रैफिक बहुत धीमा हो जाता है। इसके अलावा रास्ते में गाड़ियों के खराब होने से हालत और बिगड़ जाती है।
उन्होंने कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए एक्सप्रेसवे को ‘ब्रेकडाउन चालान’ क्षेत्र घोषित किया गया है। डीसीपी ने बताया कि अगर एक्सप्रेसवे पर कोई गाड़ी खराब हो जाती है, तो ट्रैफिक पुलिस उस गाड़ी का चालान करेगी। इसके अलावा अगर गाड़ी के पास फिटनेस सर्टिफिकेट और डॉक्यूमेंट नहीं हैं, तो पुलिस उस गाड़ी को जब्त भी कर सकती है।
प्राइवेट कार चालकों का नहीं होगा चालान
डीसीपी ने जानकारी देते हुए बताया कि प्राइवेट कार चालकों को इस नियम को लेकर चिंता करने के जरूरत नहीं है, क्योंकि अभी सिर्फ व्यावसायिक वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि फरवरी महीने की शुरुआत से ही इसे लागू किया जा चुका है। साथ ही पहले 10 दिनों में लगभग 50 वाहनों पर कार्रवाई भी की जा चुकी है।
इस दौरान डीसीपी से पूछा गया कि क्या गाड़ी खराब होना अपराध है, तो उन्होंने कहा कि एक्सप्रेसवे पर गाड़ी खराब होना ट्रैफिक का करना उल्लंघन नहीं है, लेकिन ट्रैफिक में रुकावट पैदा करना नियमों का उल्लंघन है। आगे उन्होंने कहा कि अगर वाहन के पास वैलिड फिटनेस या रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट और प्रदूषण नियंत्रण सर्टिफिकेट ने होने पर जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके अलावा ओवरलोड होने पर भी जुर्माना लगाया जाएगा। डीसीपी ने कहा कि वाहनों को समय-समय पर सर्विसिंग कराने के साथ ही एमिशन स्टैंडर्ड का पालन करना भी जरूरी है।
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