Delhi Transport Department: दिल्ली परिवहन विभाग ने पार्किंग और प्रबंधन नियमावली 2019 में जब्त वाहनों पर कार्रवाई के नियमों में बदलाव किया है। इसको लेकर विभाग की ओर से अधिसूचना भी जारी की गई है। बताया जा रहा है कि जब्त किए गए वाहनों को न छुड़ाने की वजह से बढ़ते वाहनों के स्क्रैप को देखते हुए यह फैसला लिया गया।
नए नियमों के अनुसार, अगर जब्त किए वाहनों को उनके मालिकों द्वारा नहीं छुड़ाया जाता है, तो स्क्रैप कर दिया जाएगा या फिर सार्वजनिक नीलामी के लिए रखा जाएगा। दरअसल, दिल्ली में अवैध पार्किंग या सड़क किनारे गाड़ियों को खड़ा करने पर उसे जब्त कर लिया जाता है।
अब सिर्फ 30 दिनों का मिलेगा समय
परिवहन विभाग के नए नियमों के मुताबिक, जब्त वाहनों को छुड़ाने के लिए सिर्फ 30 दिन का समय दिया जाएगा, जिसके बाद वाहन मालिक को 7 दिनों का नोटिस दिया जाएगा। इससे पहले वाहनों को छुड़ाने के लिए 90 दिन का समय दिया जाता था और गाड़ी न छुड़ाने पर 15 दिन को नोटिस जारी करके अंतिम मौका दिया जाता था। साथ ही वाहन मालिक से 200 से 1500 रुपए टोइंग सेवा शुल्क लिया जाता है।हालांकि, यह शुल्क वाहनों की कैटेगरी के हिसाब से लिया जाता है।
परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बहुत से लोग जब्त सार्वजनिक परिवहन या फिर मालवाहक वाहनों को छुड़ाने नहीं आते हैं, जबकि उनके पास तीन माह का समय होता है। ऐसे में विभाग की ओर से कार्रवाई करते हुए नए नियमों के तहत समय सीमा को घटाया गया है।
सिर्फ 7 दिन का मिलेगा नोटिस
नियमों में बदलाव के बाद भी वाहनों को खींचने के शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया गया है। वाहनों को जब्त करने के बाद अगर 30 दिनों के अंदर नहीं छुड़ाया जाता है, तो वाहन मालिक को 7 दिनों का नोटिस जारी किया जाएगा। अगर नोटिस के बाद भी जब्त वाहन को नहीं छुड़ाया गया, तो फिर उसे स्क्रैप के लिए भेज दिया जाएगा या फिर सार्वजनिक नीलामी कर दी जाएगी।
बता दें कि दिल्ली में अवैध पार्किंग एक बड़ी समस्या बन चुकी है। परिवहन विभाग के पास उन वाहनों को जब्त करने का अधिकार है, जो सड़क किनारे अवैध पार्किंग में खड़े खड़े किए जाते हैं। ज्यादा वाहन जब्त करने की वजह से पार्किंग में स्थिति ज्यादा खराब हो जाती है। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए विभाग की ओर से यह फैसला लिया गया है।
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