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हरियाणा के फतेहाबाद में रतिया पंचायत समिति चेयरपमैन के खिलाफ शुक्रवार को होने वाली अविश्वास प्रस्ताव की मीटिंग एडीसी के न आने से एक बार फिर टल गई। चेयरमैन ने हाईकोर्ट का सहारा लेने का ऐलान कर दिया।

फतेहाबाद: रतिया पंचायत समिति चेयरमैन के खिलाफ शुक्रवार को होने वाली अविश्वास प्रस्ताव की मीटिंग एक बार फिर टल गई। फतेहाबाद के एडीसी (ADC) राहुल मोदी के न आने के कारण मीटिंग को टाल दिया गया। अब नई डेट के लिए इंतजार करना होगा। बार-बार बैठक रद्द होने से विपक्षी सदस्यों में काफी रोष है। प्रधान केवल मेहता का कहना है कि उनके पास पर्याप्त बहुमत है लेकिन जिला प्रशासन बार-बार डेट देकर उनके समर्थकों को तोड़ने वालों का साथ दे रहा है। अब उनके पास हाईकोर्ट जाने के अलावा कोई चारा नहीं बचा।

16 सदस्यों ने डीसी को सौंपा था अविश्वास पत्र

बता दें कि रतिया पंचायत समिति के सदस्यों ने कांग्रेस समर्थित अध्यक्ष केवल मेहता के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। समिति के 22 सदस्यों में से 16 सदस्यों ने 19 नवंबर को जिला उपायुक्त को लिखित में ज्ञापन देकर केवल मेहता के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत किया था, लेकिन प्रधान केवल मेहता व विधायक (MLA) जरनैल सिंह के प्रयासों से 5 नाराज सदस्य वापस प्रधान गुट में लौट आए थे। एडीसी ने अविश्वास प्रस्ताव को लेकर चार दिसम्बर को बैठक बुलाई, लेकिन एडीसी के न होने के चलते यह बैठक रद्द हो गई थी।

भाजपा में रह चुके हैं केवल मेहता

प्रशासन की तरफ से तीन जनवरी को बैठक की तिथि घोषित हुई, लेकिन एडीसी बैठक में नहीं पहुंचे और बैठक को रद्द कर दिया गया। रतिया पंचायत समिति चेयरमैन केवल मेहता कांग्रेस विधायक जरनैल सिंह के समर्थक है। वह पूर्व विधायक लक्ष्मण नापा के सबसे खास व्यक्तियों में गिने जाते थे और भाजपा के ग्रामीण मंडल अध्यक्ष भी रह चुके है। विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) में लक्ष्मण नापा टिकट न मिलने पर भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए तो केवल मेहता भी कांग्रेस के खेमे में चले गए थे।

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