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Gurugram News: गुरुग्राम में बड़ा फैसला लेते हुए 187 मकानों को तोड़ने के निर्देश दे दिए गए हैं। ये मकान जर्जर थे, जिसके कारण इन्हें खतरनाक बिल्डिंग घोषित किया गया था। इन सभी मकानों के मालिकों को नोटिस भेज दिया गया है। 

Gurugram News: गुरुग्राम में 187 जर्जर मकानों को तोड़ने की कार्यवाई की जाएगी।  हरियाणा मानवधिकार  आयोग ने मंगलवार को गुरुग्राम में मौजूद जर्जर मकानों को खतरा बताया और निगम  के अधिकारियों ने इन मकानों पर सख्त कार्यवाई करने को कहा। मिलेनियम सिटी गुरुग्राम में  बने 187 जर्जर भवनों को खतरनाक बिल्डिंग घोषित कर हरियाणा के मानवधिकार ने ध्वस्त करने के निर्देश दिए। मानवधिकार ने मंगलवार को इन जर्जर भवनों के मामलों की सुनवाई की थी। सुनवाई  के बाद आयोग ने इन घरों को खतरा बताया और निगम के अधिकारिओं को कार्यवाई  करने का आदेश दिया।  

मकान मालिकों को भेजा जाएगा नोटिस

निगम के इस फैसले की वजह से इन सभी मकानों पर कार्यवाई  की  जा रही है।  भवनों  में रहने वाले मकान मालिकों को निगम की तरफ से नोटिस भेजा जाएगा। साथ ही इस नोटिस का जवाब भी मांगा जाएगा। भेजे गए नोटिस में मकान मालिकों से ये पूछा जायेगा कि वे अपने मकान को खुद तोड़ेंगे या फिर निगम को तोड़ना है। निगम द्वारा मकानों को नोटिस देने की तैयारी की जा रही है। 

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आखिर क्या है पूरा मामला?

10  फरवरी 2022 गुरुग्राम के सेक्टर 109 में स्थित चिंटल पैराडिसो सोसायटी के डी टावर में एक बड़ा हादसा हुआ था। फ्लैट की मरम्मत समय पर न होने के कारण इस बल्डिंग में 6 फ्लैट्स की छत टूट कर गिर गयी थी। इस हादसे में दो महिलाओं की मौत  हो गयी थी। इस घटना को ध्यान में रखते हुए नगर निगम को  तत्काल एक्शन लेने को कहा गया था। निगमायुक्त महेश आहूजा ने  शहर की सभी कंडम भवनों का सर्वे करवाया था। इस सर्वे के दौरान कम से कम 555 मकानों को चिन्हित किया गया था। इन सब पर जल्द से जल्द कार्यवाई करने के  लिए नगर निगम की ओर से नोटिस भी भेजा गया था।  

तीन सालों में भी नहीं हुई कार्रवाई

2022 में हुई इस घटना के बाद भी अब 2025 तक इस मामले में कोई कार्यवाई  नहीं हुई है। इस मामले का संज्ञान लेते हुए हरियाणा के मानवधिकार अधिकारियों ने  निगम के अधिकारियों को नोटिस जारी किया था। यह मामला हरियाणा के मानवधिकार दफ्तर में लंबित पड़ा है। इस मामले को लेकर चंडीगढ़ कोर्ट में  मंगलवार को सुनवाई हुई थी। इस पूरे मामले में सुनवाई के दौरान निगम की तरफ से जवाब दिया गया है, इन सब कंडम भवनों को तोड़ने की कार्यवाई की जाएगी।  इस मामले की सुनवाई न्यायधीश ललित बत्रा और चेयरपर्सन मानवधिकार आयोग चंडीगढ़ के सामने हुई थी। 

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