Gurugram News: गुरुग्राम के सेक्टर 37 की नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी की ग्रीन व्यू सोसायटी के तीन टावरों को गिराने की उपायुक्त ने अनुमति दे दी है। ग्रीन व्यू सोसायटी के ई, एफ और जी टावर को असुरक्षित माना गया है जिसके कारण इन तीनों टावरों को गिराने का फैसला लिया गया है। निवासियों का कहना है कि इन टावरों को गिराने की लंबे समय से मांग की जा रही थी। इसका कारण ये है कि ये टावर प्राइवेट स्कूल के पास हैं, जिससे स्कूल और बच्चों की सुरक्षा की चिंता बनी रहती है।
रिफंड के साथ मिलेगा ब्याज
टावर गिरने के साथ ही निर्माण कार्य की भी शुरुआत होगी और निवेशकों को रिफंड के साथ ही ब्याज भी दिया जाएगा। बता दें कि इस सोसायटी का निर्माण 2011 में शुरू हुआ था। 2019 में लोगों ने इन टावरों में रहना शुरू कर दिया था। 2018 में यहां पर 784 फ्लैट बनाए गए थे, जिनमें से 270 परिवारों को फ्लैट का कब्जा मिला था। इन परिवारों ने कुछ ही महीनों बाद गिरते प्लास्टर और अन्य निर्माण संबंधी समस्याओं की शिकायत करनी शुरू कर दी थी।
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ऑडिट में पाई गईं खामियां
NBCC द्वारा 2020 में सोसायटी का स्ट्रक्चरल ऑडिट IIT दिल्ली को सौंपा गया था। ऑडिट में इस सोसायटी के तीन टावरों में खामियां पाई गई थीं। हालांकि NBCC की तरफ से इस रिपोर्ट को गलत ठहराया गया और दोबारा जांच कराने की मांग की गई। इसके बाद IIT रुड़की ने मामले की जांच की और तीनों टावरों को असुरक्षित बताया। इसके बाद उपायुक्त ने निवासियों को फ्लैट खाली करने के आदेश दिए। अब टावरों को गिराने की प्रक्रिया शुरू होगी।
ट्विन टावर गिराने वाली कंपनी ने शुरू किया चिंटल पैराडिसो सोसायटी के टावर गिराने का काम
सेक्टर-109 में स्थित चिंटल पैराडिसो सोसायटी के टावर भी असुरक्षित पाए गए थे। इसके कारण यहां के टावरों को ध्वस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इन टावरों को ध्वस्त करने के लिए एडिफिस इंजीनियरिंग लिमिटेड को नियुक्त किया गया है। ये कंपनी पहले नोएडा के ट्विन टावर को भी गिरा चुकी है। पहले एक ही बार में ट्विन टावर को गिराया गया था लेकिन इस बार मैनुअल और मशीनों की मदद से टावरों को धीरे-धीरे गिराया जाएगा। इस प्रक्रिया में लगभग छह महीने का समय लगेगा।
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