Kaithal Fraud Case: कैथल में 900 लोगों से करोड़ों की ठगी करने का मामला सामने आया है। बीटफैक्सो नाम की कंपनी ने 25 महीनों के भीतर निवेश किए गए पैसे को डबल करने का लालच देकर लोगों को ठगी का शिकार बनाया है। लोगों को जाल में फंसाने के लिए कंपनी ने पहले लोगों कुछ पैसे रिटर्न दिए जिससे लोगों का कंपनी पर भरोसा कायम हो जाए। लेकिन बड़ी रकम इनवेस्ट हो जाने के बाद कंपनी के संचालक पैसा लेकर फरार हो गए। पुलिस इस मामले में कार्रवाई में जुटी हुई है।
पीड़ित लोगों ने जसवंती गांव में किया प्रदर्शन
बीटफैक्सो कंपनी करीब 3 साल पहले जसवंती गांव के रहने वाले गुरबाज और सोनू द्वारा शुरू की गई थी। लोगों का भरोसा जीतने के लिए ठगों ने पिहोवा और कुरुक्षेत्र में ऑफिस खोले थे। इन कार्यालयों में कंपनी के एजेंट और कर्मचारी निवेशकों को यह भरोसा देते थे कि उनका पैसा सुरक्षित है, उन्हें 25 महीनों में 100 प्रतिशत से ज्यादा रिटर्न मिलेगा। कंपनी ने शुरू में कुछ लोगों को निवेश पर फायदा देकर लोगों के माध्यम से कंपनी का प्रचार भी कराया है।
इस झांसे में आकर पुलिसकर्मियों, डॉक्टरों, बिजनेसमैन और गांव वालों ने अपनी मेहनत की कमाई इसमें लगा दी। किसी ने रिटायरमेंट का पैसा लगाया, तो किसी ने अपनी जमीन बेचकर निवेश कर दिया। लेकिन जैसे ही कंपनी को बड़ी रकम मिल गई, इसके संचालक गुरबाज और सोनू पैसा लेकर फरार हो गए। ठगी का शिकार हुए लोगों ने आज यानी 15 मार्च शनिवार को कैथल के जसवंती गांव में जाकर प्रदर्शन किया है।
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आरोपी पैसा लेकर विदेश भागे
पीड़ित लोगों का कहना है कि उनकी जिंदगी की पूरी कमाई चली गई है और अब वे आर्थिक संकट में हैं। लोगों ने मांग की है कि आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करके उनका पैसा वापस दिलाया जाए। मामले के बारे में पता लगने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को यह कहकर हटा दिया कि धरना देने के लिए प्रशासन की परमिशन जरूरी है। इस मामले में सब-इंस्पेक्टर रमेश चंद्र ने बताया कि यह पैसों के लेन-देन से जुड़ा मामला है। निवेशकों को कानून का पालन करना होगा।
पुलिस का कहना है कि ठगी के मुख्य आरोपी गुरबाज और सोनू घोटाले के बाद विदेश फरार हो चुके हैं। पुलिस का कहना है कि संभावना है कि आरोपी दूसरे देश में छिपे हुए हैं। अब पुलिस इनके अंतरराष्ट्रीय ठिकानों का पता लगाने और उन्हें पकड़ने की कोशिश कर रही है। इस मामले में पीड़ित निवेशकों ने प्रशासन से मांग की है कि इंटरपोल और अन्य एजेंसियों की मदद से इन आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए।