किन्नरों की बधाई पर बड़ा फैसला : नारनौल में अग्रवाल सभा की बैठक प्रधान प्रेमचंद गुप्ता एडवोकेट की अध्यक्षता में सभा के भवन में हुई। इसमें उपस्थित लोगों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि परिवार में होने वाले विवाह समारोह आदि में किन्नर समाज को भेंट देने के लिए एक राशि निश्चित की जाए। इस विषय पर प्रस्ताव पास किया गया। इसमें निर्णय लिया कि लड़के की शादी के उपलक्ष्य में 5100, कुआं पूजन के उपलक्ष्य में 3100 व नूतन गृह प्रवेश के उपलक्ष्य में 1100 रुपये की राशि किन्नर समाज को भेंट स्वरूप दी जाएगी। इस कार्य को क्रियान्वित करने के लिए प्रधान प्रेमचंद गुप्ता एडवोकेट की अध्यक्षता में एक 15 सदस्य कमेटी का गठन किया गया।
यह 15 सदस्यीय कमेटी संभालेगी जिम्मेदारी
समाज की 15 सदस्यीय कमेटी में बद्री प्रसाद गर्ग, सतीश कंछल, रामानंद अग्रवाल, संदीप गुप्ता नूनीवाला, अनिल गुप्ता एडवोकेट, सुदर्शन बंसल, बजरंग लाल अग्रवाल, नरेश बंसल, प्रधान रामजीलाल मित्तल, सुभाष चंद्र गर्ग, पूर्व पार्षद भगवान दास को शामिल किया गया। इन सदस्यों के अलावा अग्रवाल सभा के सभी पदाधिकारी इस कमेटी के सदस्य होंगे, जो शीघ्र एक पत्र द्वारा उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक व शहर थाना अध्यक्ष को समाज द्वारा लिए गए निर्णय से अवगत कराएंगे।
श्मशान घाट के सुधार के लिए भी होगा काम
बैठक में उपस्थित सदस्यों ने भी सुझाव दिया कि रेवाड़ी रोड स्थित शमशान घाट पर भी अव्यवस्था का माहौल है। इस पर निर्णय लिया गया कि उक्त कमेटी के सदस्य शमशान घाट की देखरेख कर रहे कर्मचारी से व्यवस्था सुधारने हेतु वार्तालाप करेंगे। इस मौके पर उपप्रधान सूरज अग्रवाल, महामंत्री रवि गर्ग, मंत्री कृष्ण कंछल, कोषाध्यक्ष प्रवीन बंसल, पूर्व प्रधान सत्यनारायण गुप्ता, बद्री प्रसाद गर्ग, संदीप गुप्ता, रामानंद अग्रवाल, सुभाष चंद्र गर्ग, नरेश बंसल, श्यामसुंदर गर्ग, नवीन बंसल, प्रमोद कुमार सिंघल, शिवशंकर अग्रवाल, हरीश कुमार, गीता गोयल, रामजीलाल मित्तल, सतीश कुमार, भगवान दास, बजरंग लाल अग्रवाल, केदारनाथ गर्ग, सुदर्शन बंसल, रविंद्र गर्ग, संजय गोयल, राकेश गर्ग, महावीर जैन, रामगोपाल मित्तल, सुरेंद्र अग्रवाल मैनेजर अग्रवाल सभा आदि मौजूद थे।
आखिर क्यों लेना पड़ा यह फैसला
किन्नरों द्वारा मनमानी बधाई मांगने पर अक्सर हर शहर में ही विवाद होते हैं। कई बार तो यह विवाद बड़ा झगड़ा बनकर थाने तक पहुंच जाते हैं। इस तरह के विवादों से बचने के लिए बधाई की राशि तय करने जैसे निर्णय लिए जाते हैं। हालांकि इस निर्णय को लागू करना इतना आसान नहीं होगा।
यह भी पढ़ें : मासूम बेटे को जहर दे खुद भी खाया : पक्की नौकरी के नाम पर 12 लाख रुपये और जमीन हड़पी, एसडीओ पर केस