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Haryana Job Security: हरियाणा सरकार ने अस्थायी कर्मचारियों की जॉब सिक्योरिटी के लिए नियम बनाने का फैसला लिया है। नियमों का मसौदा तैयार करके मंजूरी के लिए फाइल सीएम सैनी को भी भेज दी गई है।

Haryana Job Security: हरियाणा सरकार ने 1.20 लाख अस्थायी कर्मचारियों की जॉब सिक्योरिटी के लिए नियम बनाने का फैसला लिया है। इसके लिए सरकार ने सीनियर IAS अधिकारियों की कमेटी का गठन किया था। कमेटी की ओर से इसके लिए बैठक का गठन किया गया था। कमेटी में नियमों का मसौदा तैयार किया गया। जिसके बाद नियमों की फाइल को मुख्य सचिव अतुल अग्रवाल ने मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी भेज दिया है। मंजूरी मिलने के बाद इन नियमों के तहत अस्थायी कर्मचारियों को आउटसोर्सिंग पॉलिसी के तहत जॉब सिक्योरिटी मिलेगी।

ऐसा भी कहा जा रहा है कि सरकार ने जो एक्ट नोटिफाई किया है, उसमें कहीं पर भी आउटसोर्सिंग पालिसी पार्ट एक का जिक्र नहीं किया गया है। इसलिए काफी विभागों के अफसरों ने उन कर्मचारियों को जॉब सिक्योरिटी नहीं दी है, जो आउटसोर्सिंग पालिसी पार्ट एक के तहत काम कर रहे हैं। लेकिन वे कर्मचारी हरियाणा कौशल रोजगार निगम (HKRNL) में पोर्ट नहीं हुए हैं और विभाग, बोर्ड, निगम में ही कार्यरत हैं।

नियम में कांट्रेक्चुअल इंप्लाइ का क्या मतलब है ?

अधिकारियों द्वारा तैयार नियमों का मसौदा से यह स्पष्ट हैं कि अस्थायी नौकरी पर काम करने वाले वो कर्मचारी भी हैं, जो आउटसोर्सिंग पालिसी पार्ट एक के तहत काम कर रहे हैं। हालांकि अधिनियम में कहा गया है कि कोई भी अस्थायी कर्मचारी, जिन्हें 15 अगस्त, 2024 को 5 साल हो गए हैं और जिनका वेतन 50,000 रुपए से कम है, उन्हें जॉब सिक्योरिटी मिलेगी। हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने भी कई बार प्रेस कॉन्फ्रेंस और जनसभाओं में कहा है कि आउटसोर्सिंग पालिसी पार्ट एक, आउटसोर्सिंग पालिसी पार्ट दो और हरियाणा कौशल रोजगार निगम में लगे निगम में पोर्ट नहीं किया है।

नियमों में कांट्रेक्चुअल इंप्लाइ से मतलब ऐसे एग्रीमेंट कर्मचारियों से हैं  जो पूर्णकालिक आधार पर एग्रीमेंट पर काम कर रहे हैं। या जो कर्मचारी  आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट एक या पार्ट दो के तहत या हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड के जरिये संबंधित विभाग द्वारा तैनात हैं।

सरकारी संस्थान में किन कर्मचारियों को शामिल किया गया है ?

सरकारी संस्थान (संगठन) की परिभाषा में ऐसे कर्मचारी आते हैं जो  किसी विभाग, बोर्ड, निगम या प्राधिकरण से जुड़े हुए हैं।  जिसके अधीन योग्य संविदा कर्मचारी (एलिजिबल कांट्रेक्चुअल इंप्लाइ) अधिनियम (हरियाणा इंप्लाइज सिक्योरिटी ऑफ सर्विस) के तहत काम कर रहा था। सभी बोर्ड निगम संस्थान, विश्वविद्यालय सहकारी बैंक समितियां (हरियाणा सरकार के नियंत्रण में) जहां आउटसोर्सिंग पालिसी पार्ट एक और पार्ट दो, समय-समय पर संशोधित को अपनाया गया था और कर्मचारियों के पदों की शर्तों के साथ वित्त विभाग से मंजूरी मिली है, उन वर्कर को  'सरकारी संगठन' में शामिल किया जाता है।

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कौन से कर्मचारी जॉब सिक्योरिटी के लिए योग्य होंगे ?

अगर किसी कर्मचारी ने किसी विभाग में तीन साल काम किया है और उसे 240 दिन की सैलरी मिली है। लेकिन चौथे साल किसी वजह से कर्मचारी ने ब्रेक ले लिया है उसे 240 दिन का वेतन नहीं मिला है, मगर पांचवें और छठे साल में 240 दिन का वेतन मिला है तो उसकी 5 साल की सर्विस गिनी जाएगी। वह जॉब सिक्योरिटी के लिए भी योग्य होगा। इसी तरह एक कर्मचारी ने एक विभाग में चपरासी की तीन साल नौकरी की और 240 दिन का वेतन मिला है, मगर बाद में वह हट गया तो उसके तीन साल पूरे माने जाएंगे। इसके बाद कर्मचारी फिर से छठे और सातवें साल में उसने 240 दिन का वेतन हासिल किया है तो उसके पांच साल पूरे माने जाएंगे।

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