Mahashivratri 2025: आज पूरे देश में बड़े ही धूमधाम से महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है। इस अवसर हरियाणा के बड़े-बड़े शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। महेंद्रगढ़ में दोहान नदी के मध्य स्थित मोदाश्रम मंदिर में महाशिवरात्रि का उत्सव बहुत ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। बता दें कि इस साल मोदाश्रम मंदिर में यह 228 वां महाशिवरात्रि मेला का आयोजन किया जा रहा है। इस मेले में भगवान शिव के दर्शन और जलाभिषेक के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।
सीएम सैनी ने दिल्ली में किया जलाभिषेक
महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी दिल्ली पहुंचे हैं, जहां पर उन्होंने हरियाणा भवन के शिव मंदिर में जलाभिषेक किया। नायब सैनी ने भगवान शिव की पूजा अर्चना कर प्रदेश की जनता के लिए सुख समृद्धि की कामना की। इस दौरान उनके साथ बीजेपी हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली भी मौजूद रहे। बड़ौली ने भी भगवान शिव की पूजा कर जलाभिषेक किया।
महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर नई दिल्ली हरियाणा भवन स्थित शिव मंदिर में पूजा अर्चना कर समस्त प्रदेश के परिवारजनों की समृद्धि और खुशहाली के लिए भोलेनाथ से प्रार्थना की।
— Nayab Saini (@NayabSainiBJP) February 26, 2025
सभी शिव भक्तों को भगवान भोलेनाथ को समर्पित पावन-पर्व महाशिवरात्रि की असीम शुभकामनाएं।#हर_हर_महादेव pic.twitter.com/vbAz0cFo1R
मोदाश्रम मंदिर में होगा शिव-पार्वती के विवाह का आयोजन
महेंद्रगढ़ के मोदाश्रम मंदिर में हर साल दो बार महाशिवरात्रि मेला का आयोजन किया जाता है। आज इस मेले में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा शिरकत करेंगे। बता दें कि शाम के समय में मंदिर परिसर में शिव-पार्वती का विवाह होगा।
बीते 24 फरवरी को भगवान शिव और माता पार्वती की सगाई की रस्म अदा की गई, जिसके बाद हल्दी का प्रोग्राम भी किया गया था। इस प्रोग्राम में महिलाओं ने माता पार्वती को हल्दी लगा कर मंगल गीत गाए गए थे। साथ ही 25 फरवरी को मेहंदी एवं महिला संगीत का आयोजन किया गया। इसमें शामिल होने के लिए दूर दूर से लोग मंदिर आए थे। आज यानी की 26 फरवरी को शिव पार्वती का शुभ विवाह होगा।
150 साल पुराना मोदाश्रम मंदिर का इतिहास
हरियाणा के महेंद्रगढ़ में मौजूद मोदाश्रम मंदिर का इतिहास करीब 150 साल पुराना है। इसके बारे में जानकारी देते हुए सुधीर दीवानी ने बताया कि मोदाश्रम शिव मंदिर लगभग डेढ़ सौ वर्ष पुराना है। आज के समय में जिस जगह पर शिव मंदिर बना हुआ है, उस स्थान पर पहले दोहन नदी आती थी। जब दोहन नदी का पानी कम हो जाता था, तो शहर से घूमने के लिए लोग नदी पार करके जाते थे। उन्होंने बताया कि गुलाब राय नाम लोहिया का एक शख्स भी यहां पर घूमने के लिए आता था।
लोहिया को एक बार रात में एहसास हुआ कि उसे कोई कह रहा है कि दोहन नदी के बीच में एक छोटा शिवलिंग दबा हुआ है उसको निकाल कर उसकी प्राण प्रतिष्ठा करवाई जाए। इसके बाद गुलाब राय लोहिया अपने साथियों के साथ मिलकर यहां पर एक छोटा मंदिर बनवाया और उसकी प्राण प्रतिष्ठा करवाई। सुधीर दीवानी ने बताया कि वह शिवलिंग आज भी यहां छोटे आकार में मौजूद है, इसके साथ ही बराबर में एक शिवलिंग और स्थापित किया हुआ है। उन्होंने बताया कि मंदिर की स्थापना के बाद गुलाब राय लोहिया को एक लड़का हुआ और लोहिया ने उसका नाम भोला रखा। उससे पहले गुलाब राय लोहिया की कोई संतान नहीं थी।
महादेव मंदिर में पूरी होती है मन्नतें
महेंद्रगढ़ के इस मंदिर में दूरदराज से श्रद्धालु आकर मत्था टेक कर मन्नतें मांगते हैं। माना जाता है कि जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से यहां अपनी मन्नत मांगता है। भगवान चंद्र मौली उसकी मनोकामना अवश्य पूरी करते हैं। मंदिर आने वाले भक्तों को अपनी मन्नतों को लेकर भगवान पर पूरा विश्वास है।
इसके अलावा महाशिवरात्रि के इस मेले में कुश्ती प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाता है, जिसमें 50 रुपए से लेकर 21 हजार रुपए तक की कुश्ती होती है। रात्रि के समय में पूरे मंदिर परिसर को लाइटों के माध्यम से सजाया जाता है।
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