हांसी। साइबर ठगों ने गढ़ी निवासी बैंक कर्मचारी संदीप शर्मा को ही चपत लगा दी। संदीप ने बताया कि 4 जनवरी को उनके व्हाट्सएप पर पार्ट टाइम जॉब करके रुपये कमाने का मैसेज आया। मैसेज करने वाली ने अपना नाम सुनीता शर्मा बताया। मैसेज के बाद व्हाट्सएप पर टेलीग्राम का एक लिंक भी भेजा गया। इस पर इनवाइट करके विभिन्न होटलों के लिंक भेजकर रेटिंग देने का काम दिया। इसके बदले में हर रेटिंग पर 120 रुपये दिए गए। इस प्रकार आरोपियों ने उनके खाते में 240 रुपये कई बार डाले। 6 जनवरी को ट्रेडिंग का लालच देकर आरोपियों ने एक दूसरा ग्रुप ज्वाइन करवाकर डबल रुपये कमाने का झांसा दिया और उसके बाद आरोपियों ने उनसे कई बार करके कुल 5 लाख 67 हजार ट्रांसफर करवाकर साइबर फ्रॉड किया है।
क्रेडिट कार्ड के नाम पर डॉक्टर को लगाई 3.31 लाख की चपत
नर्सिंग होम संचालक डॉ. गौरी शंकर मित्तल ने बताया कि जनवरी के पहले सप्ताह में उन्होंने अमेरिकन एक्सप्रेस क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए फार्म भरा था, लेकिन उसने फार्म को पूरा न भरके किसी कारणवश उसे अधूरा छोड़ दिया। डॉ. मित्तल ने बताया कि उसके बाद 5 जनवरी को सुबह करीब 10 बजे उनके पास एक अज्ञात फोन नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले ने कहा कि आपने अमेरिकन एक्सप्रेस क्रेडिट कार्ड अप्लाई किया था, जिसकी एप्लीकेशन अभी तक अधूरी है। डॉ. मित्तल ने बताया है कि उस समय मैंने कॉल करने वाले व्यक्ति को कार्ड बनवाने से मना कर दिया, लेकिन उसके बाद उनके एक्सिस बैंक के क्रेडिट कार्ड से कई बार करके कुल 3 लाख 31 हजार 646 रुपये कट गए। उन्होंने बताया कि इस बारे में मुझे नहीं पता कि ये रुपये उनके कार्ड से कैसे कटे हैं। उन्होंने कभी भी किसी को भी ओटीपी या क्रेडिट कार्ड के बारे में कोई जानकारी नहीं दी।
किसान को पहले 1100 रुपये दिए, फिर 2.11 लाख रुपये ठग लिए
साइबर ठगों ने पार्ट टाइम जॉब का झांसा देकर एक किसान से 2.11 लाख रुपये ठग लिए। सुल्तानपुर निवासी किसान प्रदीप ने शिकायत में बताया कि वह सुलतानपुर का रहने वाला है और गांव में रहकर खेती-बाड़ी का काम करता है। प्रदीप ने बताया कि 31 दिसंबर को उनके व्हाट्सएप पर पार्ट टाईम जॉब करने के बारे में मैसेज आया। मैसेज में द गुड्स गायज कम्पनी में ट्रेडिंग के काम के बारे बताया गया था। जिसमें रोजाना 1500 से 6000 हजार रुपये कमाने की बात कही गई थी। मैसेज के बाद एक लिंक भेजकर उस पर रजिस्ट्रेशन करवाया और उसकी आईडी बनवाई। इसके बाद साइबर ठगों ने 1 जनवरी को उसके खाते में बोनस के तौर पर 1100 रुपये डाले। इसके बाद 2 जनवरी को उसने साइबर ठगों के खाते में 10 हजार रुपये डाले। इसके बाद कई बार में उससे 2.11 लाख रुपये अपने खाते में डलवा लिए।
फोन क्लोनिंग : बिना ओटीपी बताए साइकिल विक्रेता के दो खातों से निकले 2.77 लाख
पुलिस को दी शिकायत में गीतांश ने बताया कि हांसी शहर में मेरी साइकिल की दुकान है। मेरा पर्सनल व दुकान का खाता एचडीएफसी बैंक में है। 8 दिसंबर को मेरे सेविंग खाते से चार बार में क्रमशः 3800, 7000, 30000 व 50000 करके कुल 90800 रुपये यूपीआई के माध्यम से कट गए। इसके बाद 9 दिसंबर को मेरे मैड फोक्स ट्रेडर्स के अकाउंट से भी चार बार में क्रमशः 38000, 50000, 50000 व 50000 रुपये कुल 1,88,000 हजार रुपये आईएमपीएस के माध्यम से निकाल लिए गए। 9 दिसंबर को सुबह 9.57 बजे मेरे पास बैंक से कॉल आया कि आपके पर्सनल व करंट अकाउंट से रुपये ट्रांसफर हुए हैं। क्या यह रुपये आपने ट्रांसफर किए हैं या नहीं। मैंने फोन करने वाले व्यक्ति से कहा कि मैंने कोई रुपया ट्रांसफर नहीं किया है। उसके बाद बैंक वालों ने मेरा खाता बंद कर दिया। जब मैंने बैंक में जाकर पता किया तो बैंक मैनेजर ने कहा कि शायद आपका फोन क्लोन हुआ है और उसके द्वारा आपके खातों से रुपये ट्रांसफर किए गए हैं। गीतांश ने बताया कि मेरे को पता लगा कि मेरे साथ फ्रॉड हुआ है लेकिन मुझे नहीं मालूम कि कैसे हुआ है और किसी अनजान व्यक्ति ने मेरे दोनों खातों में से 2,77,800 रुपये का फ्रॉड कर दिया।