Haryana Education Department: हरियाणा सरकार ने स्कूलों में टीचरों की संख्या को बेहतर तरीके से व्यवस्थित करने के लिए रेशनलाइजेशन (संशोधन) किया गया है। सरकार ने फैसला लिया है कि स्कूलों में जो लोग पढ़ाते नहीं है, यानी ऐसे कर्मचारी गैर-शिक्षकीय डिपार्टमेंट में आते हैं, ऐसे कर्मचारियों की संख्या को अब कम किया जाएगा। इस कड़ी में मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) की ओर शिक्षा विभाग से ली जा रही है कितने गैर-शिक्षकीय कर्मचारी काम कर रहे हैं। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि शिक्षा विभाग में 5000 से ज्यादा पद खत्म किए जा सकते हैं।
शिक्षा विभाग के इन पदों के लिए लिया फैसला
जानकारी की मुताबिक, शिक्षा निदेशालय की ओर से प्रदेश में जिला शिक्षा अधिकारियों को अपने-अपने जिलों में ऐसे कर्मचारियों के बारे में डिटेल जानकारी भेजने के निर्देश दिए हैं। शिक्षा निदेशालय ने एससीईआरटी गुरुग्राम और सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) ने शिक्षा विभाग में कार्यरत सभी अधिकारियों व कर्मचारियों की के बारे में जानकारी मांगी है।
सरकार के फैसले के तहत शिक्षा विभाग के एचआरएमई-1 और एचआरएमई-2 शाखा से संबंधित अधीक्षक, उप अधीक्षक, सीनियर स्केल स्टेनोग्राफर, जूनियर स्केल स्टेनोग्राफर, स्टेनो टाइपिस्ट, सहायक, सांख्यिकी सत्ययक, ड्राइवर, लैब अटेंडेंट और लिपिक इन सभी पदों पर काम करने वाले कर्मचारियों की जानकारी मांगी गई है। शिक्षा विभाग के इन सभी 10 पदों के खत्म होने की संभावना है।
Also Read: हरियाणा के मेयर-पार्षदों के लिए बड़ी खबर, निकाय चुनाव की जीत पर मिल सकता बड़ा तोहफा, मानदेय में हो सकती है बढ़ोतरी
रेशनेलाइजेशन प्रक्रिया क्या है ?
हरियाणा शिक्षा विभाग में रेशनेलाइजेशन का मतलब है कि टीचर और स्टूडेंट्स के अनुपात को बेहतर बनाया जा सके। रेशनेलाइजेशन का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर स्कूल में बेहतर संख्या में टीचर हो,शिक्षक और स्टूडेंट के अनुपात को सुधार जा सके। बता दें कि हरियाणा सरकार ने अभी हाल ही में सरकारी विभागों में पदों के रेशनेलाइजेशन की प्रक्रिया शुरू की है।
रेशनेलाइजेशन की प्रक्रिया की सबसे पहले शुरुआत शिक्षा विभाग से की गई, जिसमें जेबीटी, पीआरटी और मुख्य शिक्षकों के पदों को स्कूलों की संख्या और स्टूडेंट्स की संख्या के अनुसार समायोजित किया जाता है। हरियाणा सरकार ने रेशनेलाइजेशन में टीचर और स्टूडेंट का अनुपात 1:25 रखने का फैसला लिया है।
Also Read: होली और जुम्मे के विवाद पर अनिल विज की प्रतिक्रिया, बोले- जिसे होली नहीं खेलनी वह घर में बैठे