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Bhupinder Singh Hooda: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ हरियाणा सरकार ने पीनल रेंट की कार्रवाई शुरु कर दी है। सरकार द्वारा यह फैसला क्यों लिया गया है, जानिये इसके पीछे की वजह।

Bhupinder Singh Hooda: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की एक बार फिर से मुश्किलें बढ़ गई हैं। प्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा को 15 दिन के भीतर सरकारी आवास खाली करने का आदेश दिया गया था। लेकिन, ढाई महीने से ज्यादा का समय बीत जाने के बावजूद भी उन्होंने अब तक सरकारी आवास खाली नहीं किया है। अब सरकार की तरफ से हुड्डा के खिलाफ पीनल रेंट की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। 

हुड्डा को कितना पीनल रेंट भरना पड़ेगा ?

हरियाणा विधानसभा चुनाव का परिणाम 8 अक्टूबर 2024 को घोषित किया गया था। चुनाव में बीजेपी ने 90 में से 48 सीटें जीतकर प्रदेश में जीत का परचम लहराया था। जिसके बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी समेत मंत्रियों ने 17 अक्टूबर 2024 को शपथ ली थी। भूपेंद्र सिंह हुड्डा को 2024 दिसंबर में सरकार ने हुड्डा को आदेश दिया था कि उन्हें चंडीगढ़ में स्थित कोठी नंबर 70 खाली करनी पड़ेगी। जिसके बाद हुड्डा ने कोठी खाली करने के लिए सरकार से 15 दिन का वक्त मांगा था।सरकार ने इसे मंजूर कर लिया था। लेकिन ढाई महीने के बाद भी उन्होंने कोठी खाली नही की है। जिसके बाद सरकार ने कार्रवाई करते हुए हुड्डा पर 2 लाख से ज्यादा का पीनल रेंट लगा दिया है।

सैनी सरकार के किस मंत्री को पसंद आई कोठी ?

ऐसा भी कहा जा रहा है कि चंडीगढ़ की कोठी नंबर 70 के लिए सैनी सरकार के मंत्री विपुल गोयल ने मांग की थी। जिसके बाद सरकार ने हुड्डा को जल्द कोठी खाली करने के लिए कहा था। हुड्डा द्वारा कोठी खाली न करने की स्थिति में गोयल दूसरी कोठी के लिए आवेदन कर दिया था। कहा जा रहा है कि गोयल ने अब सरकार से चंडीगढ़ के सेक्टर 7 की कोठी नंबर 71 की मांग की है। फिलहाल गोयल अभी MLA फ्लैट में अपना काम संभाल रहे हैं।

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पीनल रेंट कब और क्यों लगाया जाता है ?

हरियाणा लोक निर्माण विभाग के नियम के अनुसार, राज्य में नई सरकार का गठन हो जाने पर मंत्री या विधायक को 15 दिन में सरकारी आवास खाली करना पड़ता है। अगर वह तय समय पर कोठी खाली नहीं करता तो उसके खिलाफ पीनल रेंट की कार्रवाई होती है। तय समय के बाद 1 महीना हो जाने पर उसे 50 गुना किराया देना पड़ता है। इसी तरह दूसरे महीने में उसे 100 गुना और  तीसरे महीने में, 200 गुना और चौथे महीने में उसे  400 गुना पीनल रेंट भरना पड़ता है। 

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