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Haryana News: हरियाणा सरकार बजट में प्रदेश के मेयर और पार्षदों का मानदेय बढ़ाने का प्रावधान रख सकती है। साथ ही मेयर की पावर बढ़ाने को लेकर भी विचार किया जा रहा है।

Haryana News: हरियाणा निकाय चुनाव के नतीजे घोषित हो गए हैं, जिसमें बीजेपी ने शानदार जीत दर्ज की है। ऐसे में हरियाणा सरकार मेयर और पार्षदों के मानदेय में बढ़ोतरी कर सकती है। बता दें कि सैनी सरकार के पिछले कार्यकाल के दौरान इसको लेकर प्रस्ताव लाया गया था, लेकिन मंजूरी नहीं मिल पाई थी। हालांकि इस बार के चुनाव के नतीजों को देखते हुए नायब सैनी की सरकार हरियाणा के बजट में मेयर और पार्षदों का मानदेय बढ़ाने के लिए प्रावधान रख सकती है। जानकारी के मुताबिक, यह मानदेय 25 से 30 प्रतिशत बढ़ाया जा सकता है।

मेयर को दिए जा सकते हैं ये अधिकार

इसके अलावा मेयरों की पावर बढ़ाने पर भी विचार किया जा रहा है। प्रदेश सरकार उन्हें अफसरों की एसीआर यानी वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट लिखने की पावर को भी बढ़ा सकती है। इसको लेकर काफी समय से मेयर मांग भी कर रहे हैं कि उन्हें कमिश्नर लेवल तक के अफसरों सहित निगम के अफसरों की एसीआर लिखने की पूरी पावर दी जाए। बता दें कि अभी मेयर सिर्फ अफसरों की एसीआर पर कमेंट ही दे सकते हैं। वहीं, पार्षद और मेयर काफी समय से मांग कर रहे हैं, कि उन्हें अपने वार्ड और क्षेत्र में काम करवाने के लिए अनुदान राशि दी जाए।

मेयर और पार्षदों को कितना मिलता है मानदेय?

बता दें कि वर्तमान समय में मानदेय के रूप में मेयर को हर महीने 30 हजार रुपए दिए जाते हैं। वहीं, सीनियर डिप्टी मेयर को 25 हजार और डिप्टी मेयर को 15 हजार रुपए दिए जाते हैं। इसके अलावा नगर परिषद में चेयरमैन को 18 हजार रुपए और डिप्टी चेयरमैन को 12 हजार रुपए दिए जाते हैं। वहीं, पार्षदों को हर महीने मानदेय के लिए 12 हजार रुपए सरकार की ओर से दिए जाते हैं। बता दें कि करीब एक साल पहले ही मेयर और पार्षदों का मानदेय बढ़ाया गया था, लेकिन वे इससे संतुष्ट नहीं हैं।

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