Logo
हरियाणा में हलोपा व इनेलो-बसपा गठबंधन टूटने के आसार बन रहे हैं। गोपाल कांडा के भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने के बयान के बाद सियासी हलचल मची हुई है। वहीं, भाजपा ने सिरसा से अपने उम्मीदवार का नामांकन वापस करवा लिया, जिससे चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया।

चंडीगढ़: हरियाणा लोकहित पार्टी (हलोपा) अध्यक्ष गोपाल कांडा द्वारा भाजपा की भाषा बोलने के बाद इनेलो-बसपा का हलोपा से गठबंधन टूटने के आसार बन चुके हैं। इस पर इनेलो नेताओं ने आपत्ति की है। खासतौर पर इनेलो प्रदेश अध्यक्ष रामपाल माजरा ने कहा कि भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने का गोपाल कांडा का बयान उनका निजी बयान हो सकता है। इस बयान से इनेलो-बसपा का कोई संबंध नहीं है। साथ ही गोपाल कांडा से जवाब मांगा जाएगा। यदि गोपाल कांडा स्थिति साफ नहीं कर सके तो सिरसा में उन्हें इनेलो-बसपा का समर्थन देने के फैसले पर पुनर्विचार किया जाएगा।

गोपाल कांडा ने यह दिया था बयान

गोपाल कांडा ने रविवार को बयान दिया कि उनकी पार्टी हलोपा अभी भी एनडीए का हिस्सा है और विधानसभा चुनाव के बाद इनेलो-बसपा-हलोपा मिलकर भाजपा की सरकार बनाएंगे। गोपाल कांडा के इस बयान के बाद सोमवार को भाजपा ने सिरसा विधानसभा सीट से अपने उम्मीदवार रोहताश जांगड़ा का नामांकन वापस करा दिया। हलोपा उम्मीदवार के रूप में गोपाल कांडा तथा कांग्रेस उम्मीदवार गोकुल सेतिया के बीच सिरसा में आमने-सामने का मुकाबला होगा। गोपाल कांडा को समर्थन देने की वजह से सिरसा सीट पर इनेलो-बसपा गठबंधन ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था।

कांग्रेस-भाजपा के खिलाफ किया था गठबंधन

इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष रामपाल माजरा के अनुसार भाजपा व कांग्रेस को सत्ता में आने से रोकने के लिए इनेलो-बसपा ने गठबंधन किया था। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए गोपाल कांडा की पार्टी हलोपा इनेलो-बसपा गठबंधन के साथ आए थे। रविवार को गोपाल कांडा ने बयान दिया कि तीनों दलों का यह गठबंधन राज्य में भाजपा की सरकार बनाने में मदद करेगा, जो पूरी तरह से गैर-जिम्मेदाराना बयान है। इनेलो-बसपा की गोपाल कांडा के इस बयान से किसी तरह की सहमति नहीं है। यदि उन्होंने अपने बयान पर गठबंधन के सामने स्थिति साफ नहीं की जो उन्हें समर्थन देने पर पुनर्विचार किया जाएगा।

सिरसा विस क्षेत्र को लेकर इनेलो नेताओं ने लिखा पत्र

सिरसा विधानसभा क्षेत्र में दोबारा नए सिरे से चुनाव करवाने के लिए इनेलो ने मांग की। इनेलो की तरफ से केंद्रीय चुनाव आयोग को इस बारे में एक पत्र लिखा गया है। पत्र में कहा कि सिरसा विधानसभा में सोमवार दोपहर दो बजे चुनाव चिह्न आवंटित किया गया, जबकि नामांकन वापसी का समय दोपहर तीन बजे का था। नामांकन वापसी की प्रक्रिया पूरी होने से पहले चुनाव चिह्न नियमानुसार बांटे नहीं जा सकते। मगर सिरसा में निर्वाचन अधिकारी ने चुनाव चिह्न आवंटन में घोर गलती की।

5379487