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हरियाणा में झज्जर के गांव बिरड़ की बेटी पूजा आर्या ने अपने पहले प्रयास में चार बार में चार विषयों में जेआरएफ परीक्षा पास कर युवाओं को सफलता की नई राह दिखाई है। योग्य, मनोविज्ञान, योग, सोशियोलॉजी व दर्शनशास्त्र में जेआरएफ करने पर पूजा सभी में सहयोग प्रोफेसर पद के लिए योग्य हो गई हैं।

झज्जर। गांव बिरड़ की होनहार बेटी पूजा आर्या ने दर्शनशास्त्र में यूजीसी नेट परीक्षा उत्तीर्ण कर क्षेत्र का नाम रोशन किया है। आर्या ने यूजीसी नेट परीक्षा में लगातार चौथी बार सफलता हासिल कर अपनी बहुमुखी प्रतिभा  का परिचय दिया है। पूजा आर्या के पिता हेड मास्टर ओमप्रकाश ने बताया कि उनकी पुत्री पूजा ने वर्ष 2019 में प्रथम प्रयास में ही मनोविज्ञान में जेआरएफ किया था। उसके बाद वर्ष 2022 में उसने सोशियोलॉजी विषय से जेआरएफ की परीक्षा पास की। अगले ही वर्ष 2023 में योग विषय से नेट जेआरएफ में अव्वल स्थान हासिल किया और इस बार दिसंबर 2024 की परीक्षा में भी पूजा ने नेट जेआरएफ की परीक्षा उत्तीर्ण कर क्षेत्र का नाम रोशन किया है। 

अब दर्शनशास्त्र में रचा इतिहास

पूजा ने इस बार यह कीर्तिमान दर्शनशास्त्र विषय में रचा है। अब वह चार विषयों में असिस्टेंट प्रोफेसर पद के योग्य हो गई है। पूजा हर बार अपना विषय भी बदल देती हैं लेकिन पहले ही प्रयास में सफलता भी हासिल कर लेती है। पूजा ने बताया कि वह हर दिन छह से सात घंटे अपनी पढ़ाई को देती रहीं है।  पूजा के अनुसार अक्सर अभ्यर्थी अपने मुख्य विषय पेपर-दो पर तो फोकस करते हैं लेकिन पेपर-एक को महत्व देना भूल जाते हैं। जबकि मुख्य विषय की पढ़ाई तो हर कोई कर रहा है, ऐसे में जो पेपर-एक पर भी बराबर मेहनत करनी चाहिए। पेपर-एक की तैयारी के लिए पूजा ने अपने भाई सूर्य प्रकाश से कोचिंग ली जो कि स्वयं योग, टूरिज्म और समाजशास्त्र में पहले से जेआरएफ कर चुके हैं। 

दिव्यांगजनों व महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास

 दिव्यांग पूजा का कहना है कि वह देश की होनहार छात्राओं, दिव्यांगजनों व वंचित महिलाओं के जीवन को बेहतर करने के लिए  हर संभव प्रयास करेंगी। ऐसे लोगों को सशक्त करना ही उनके जीवन का परम लक्ष्य है। वह मानती हैं कि शिक्षा सशक्तिकरण का सर्वश्रेष्ठ माध्यम है और हमारे देश में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में, विशेष रूप से महिलाओं और दिव्यांगों के लिए हो रहे प्रयास उनकी आवश्यकताओं के लिहाज से पर्याप्त 
नहीं हैं।

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