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पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर एक बार फिर किसानों ने मोर्चा खोला है। किसान शंभू बॉर्डर पर रेलवे ट्रैक पर बैठे हुए हैं। इसके चलते 36 ट्रेनें प्रभावित हुई हैं। इस दौरान प्रदर्शनकारी गिरफ्तार किसान नेताओं की रिहाई की मांग कर रहे हैं।

Farmers Rail Roko Movement: पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर 13 फरवरी, 2024 से किसान का आंदोलन चल रहा है। यहां किसान अभी भी अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं। MSP पर गारंटी की मांग कर रहे किसानों ने इस दौरान कई बार दिल्ली आने की कोशिश की, लेकिन इस बार पुलिस ने उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया। आंदोलन के दौरान 9 किसानों समेत 12 लोगों की मौत भी हुई। इसके अलावा पुलिस ने कई किसानों को गिरफ्तार भी किया।

शंभू बॉर्डर पर डटे किसानों ने एक बार फिर अपना आंदोलन तेज कर दिया है। किसानों ने आंदोलन के दौरान गिरफ्तार किए गए लोगों की रिहाई की मांग को लेकर आज 17 अप्रैल से शंभू बॉर्डर पर रेल रोको अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू कर दिया है। किसानों का कहा है कि जब तक उनके गिरफ्तार किए गए किसान भाइयों को रिहा नहीं किया जाएगा, जब तक रेल रोको आंदोलन जारी रहेगा।

अंबाला-लुधियाना रेल खंड बंद

किसानों ने पंजाब के शंभू स्टेशन पर ही अपना रेल रोको आंदोलन शुरू कर दिया है। किसान स्टेशन पर रेलवे ट्रैक पर बैठे हुए हैं। इसके कारण अंबाला-लुधियाना रेल खंड बंद कर दिया गया है। इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, तो किसानों ने पुलिस के साथ धक्कामुक्की करते हुए बैरिकेडिंग तोड़ दिए और ट्रैक पर बैठ गए।

किसान आंदोलन से रेल मार्ग होगा प्रभावित

किसानों के रेल रोको आंदोलन से रेल मार्ग अधिक प्रभावित होगा। इससे दिल्ली से अमृतसर और जम्मू की ओर जाने वाला रेल मार्ग अधिक प्रभावित हो सकता है। आज भी आंदोलन की वजह से अंबाला कैंट से निकलने वाली 36 ट्रेन प्रभावित हुई हैं और 11 ट्रेन रद्द हुई हैं। इसके साथ ही 19 ट्रेन चंडीगढ के रास्ते संचालित की गई है। वहीं, एक ट्रेन बीच रास्ते में रद्द किया है और पांच ट्रेनों को देरी से चलाया जा रहा है।

बीजेपी नेताओं को ओपन डिबेट का चैलेंज

बता दें कि रेल रोको आंदोलन का आह्वान संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीति और किसान मजदूर मोर्चा ने किया था। किसानों द्वारा यह आंदोलन युवा किसान नेता नवदीप सिंह जलबेहड़ा समेत तीनों किसानों की रिहाई के लिए किया जा रहा है। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि हरियाणा सरकार किसानों को रिहा करना नहीं चाहती, वह इससे भागने की कोशिश कर रही है। इसके अलावा किसानों ने 23 अप्रैल को बीजेपी नेताओं को चंडीगढ़ में ओपन डिबेट का चैलेंज भी दिया है।

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