सोनीपत मेयर उपचुनाव में बड़ी खबर : राज्य निर्वाचन आयोग ने सोनीपत नगर निगम के मेयर के उपचुनाव में मतदान से संबंधित विवाद पर एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया है। आयोग ने आदेश दिया है कि गांव बैयांपुर के केवल पुराने मतदान बूथों के वोटों की गिनती की जाएगी, जबकि हाल ही में जोड़े गए पांच बूथों के मतों को अमान्य घोषित कर दिया गया है यानी अब इनकी गिनती नहीं की जाएगी। बता दें कि हरियाणा राज्य निर्वाचन आयोग ने 04 फरवरी को अधिसूचना जारी कर नगर निगमों के आम चुनावों और कुछ उपचुनावों का कार्यक्रम घोषित किया था। इसके तहत महापौर, नगर निगम, सोनीपत के लिए उपचुनाव कराया गया। इस चुनाव में मतदान 2 मार्च को हुआ और मतगणना 12 मार्च को निर्धारित की गई है।
कांग्रेस व एक निर्दलीय प्रत्याशी ने की थी शिकायत
मतदान के बाद चुनाव आयोग को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सोनीपत मेयर प्रत्याशी कमल दीवान और निर्दलीय प्रत्याशी रमेश खत्री की ओर से शिकायतें प्राप्त हुईं। इन शिकायतों में आरोप लगाया गया कि गांव बैयांपुर के मतदान बूथ संख्या 228, 229, 230, 231 और 232 के मतदाताओं को गलत तरीके से नगर निगम, सोनीपत के क्षेत्र में शामिल किया गया है, जिससे चुनाव की निष्पक्षता प्रभावित हो सकती है।
बैयांपुर का कुछ हिस्सा निगम तो कुछ पंचायत में आता है
हरियाणा राज्य निर्वाचन आयोग ने इस मुद्दे पर संज्ञान लेते हुए उपायुक्त सोनीपत से रिपोर्ट मांगी। उपायुक्त की रिपोर्ट में नगर निगम, सोनीपत के रिटर्निंग ऑफिसर की टिप्पणियां भी शामिल थीं। रिपोर्ट में कहा गया कि गांव बैयांपुर का कुछ हिस्सा राजस्व रिकॉर्ड के तहत नगर निगम क्षेत्र में आता है, जबकि आबादी देह क्षेत्र निगम के अधिकार क्षेत्र से बाहर है। मतदाता सूची विधानसभा क्षेत्र के आधार पर तैयार की गई थी और संशोधन के समय किसी भी दल या मतदाता से कोई आपत्ति प्राप्त नहीं हुई थी।
नए जोड़े बूथों के वोटों को नहीं गिना जाएगा
सभी दस्तावेजों और रिपोर्टों की समीक्षा के बाद, राज्य निर्वाचन आयोग ने पाया कि 27 दिसंबर 2020 को हुए पिछले नगर निगम चुनावों में गांव बैयांपुर के केवल बूथ संख्या 157 से 161 को नगर निगम, सोनीपत में शामिल किया गया था, लेकिन इस उपचुनाव के दौरान कुछ अतिरिक्त क्षेत्र भी नगर निगम के तहत जोड़ दिए गए, जिससे विवाद की स्थिति उत्पन्न हुई। इस पर आयोग ने आदेश दिया कि महापौर उपचुनाव के लिए गांव बैयांपुर के केवल बूथ संख्या 157 से 161 के वोटों की गिनती की जाएगी। वहीं, हाल ही में जोड़े गए बूथ संख्या 228, 229, 230, 231 और 232 के वोटों को गिनती से बाहर रखा जाएगा।
निष्पक्षता बनाए रखने का सही कदम : दीवान
इस फैसले के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस उम्मीदवार कमल दीवान ने आयोग के निर्णय को न्यायसंगत बताया और कहा कि यह लोकतंत्र की निष्पक्षता बनाए रखने का सही कदम है। वहीं, निर्दलीय उम्मीदवार रमेश खत्री ने भी इस फैसले का स्वागत किया। अब सभी की नजरें 12 मार्च को होने वाली मतगणना पर टिकी हैं। क्या इस फैसले से चुनावी परिणाम प्रभावित होंगे? यह तो 12 मार्च को ही स्पष्ट होगा, लेकिन इतना तय है कि इस मामले में प्रशासन की किरकिरी जरूर हुई है।
इन नियमों का दिया हवाला
राज्य निर्वाचन आयुक्त धनपत सिंह ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि यह निर्णय संविधान के अनुच्छेद 243K और 243ZA तथा हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1994 की धारा 9 के तहत लिया गया है। सभी संबंधित अधिकारियों को इस आदेश का तुरंत पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। इस आदेश की प्रति आयुक्त एवं सचिव, शहरी स्थानीय निकाय विभाग, निदेशक, शहरी स्थानीय निकाय विभाग, पंचकूला, उपायुक्त सोनीपत, नगर निगम आयुक्त और रिटर्निंग ऑफिसर को भेज दी गई है।
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