Haryana State Song Controversy: हरियाणा के राज्यगीत पर लॉन्च करने से पहले ही विवाद खड़ा हो गया है। राज्यगीत को लेकर सोनीपत की लेखिका -अभिनेत्री गीतू परी ने गाने की लिरिक्स पर दावा ठोकते हुए उसे अपने खुद के लिखे गाने से मिलता-जुलता बताया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा के लिए अच्छी बात है कि प्रदेश का अपना राज्य गीत लॉन्च हो रहा है। लेकिन गीत के लिरिक्स उनके हैं। ऐसे में उन्होंने कहा कि उन्हें इसके लिए क्रेडिट मिलना चाहिए। राज्यगीत को सरकार की कमेटी ने भी फाइनल कर दिया है। इस सॉन्ग को अब बजट सेशन में पास किया जाएगा।
गीतू परी ने किए तीन दावे
गीतू परी ने का कहना है कि उन्होंने यह गीत 29 जनवरी 2024 को लिखा था। गीतू ने दावा करते हुए कहा है कि राज्यगीत का टाइटल उनके द्वारा लिखे गीत की तरह है। उन्होंने कहा उनके गीत में 2 बार जय-जय लिखा था, लेकिन राज्यगीत में इसे 3 बार कर दिया गया। गाने के बोल भी उनके लिखे गाने से मिलते जुलते हैं।
दूसरे दावे में गीतू परी ने कहा कि 'मैंने बालकिशन शर्मा द्वारा लिखा हुआ राज्यगीत मीडिया में पढ़ा। तब मैंने देखा कि उसके लिरिक्स मेरे गीत से काफी मिलते-जुलते हैं। राज्यगीत के लिए मेरे गाने से बहुत सारे लिरिक्स उठाए गए हैं।'
गीतू परी ने कहा कि' मेरे गीत के बहुत सारे अंतरे उठाए गए हैं। दीपावली, मस्जिद, मंदिर, गुरुद्वारा शब्द भी मेरे लिरिक्स से उठाए गए हैं। मैंने अपने गीत में हरियाणवी सयानी नार के बारे में भी लिखा हुआ है और उसके लिरिक्स भी राज्यगीत में लिखे हैं। गीतू परी का कहना है कि गाने को लिखने में काफी मेहनत लगती है, ऐसे में उन्हें क्रेडिट मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि कहीं न कहीं राज्यगीत उनके गाने से कॉपी किया हुआ है तो उनके साथ न्याय होना चाहिए।
कमेटी ने 204 गानों पर किया था मंथन
बता दें कि हरियाणा विधानसभा ने राज्य गीत फाइनल करने के लिए कमेटी बनाई थी। इस कमेटी का अध्यक्ष भाजपा विधायक लक्ष्मण सिंह यादव को बनाया गया था। इसके अलावा झज्जर से कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल, हांसी से भाजपा विधायक विनोद भयाना, फतेहाबाद से कांग्रेस विधायक बलवान सिंह दौलतपुरिया और रानियां से इनेलो विधायक आदित्य देवीलाल को सदस्य के रूप में शामिल किया गया था।
कमेटी के पास 204 गीत आए थे, जिसमें से कमेटी ने 3 गीत सिलेक्ट किए थे। कमेटी ने काफी चर्चा के बाद 'जय जय जय हरियाणा' गीत को फाइनल किया गया था। कमेटी का कहना है कि राज्यगीत को पानीपत के डॉक्टर बालकिशन शर्मा ने लिखा है।
पहले सिंगर कैलाश खेर को चुना गया था
प्रदेश के राज्यगीत 3 मिनट का है, जिसमें 21 लाइनें हैं। इन लाइनों में कुरुक्षेत्र की धरती, किसानों, खिलाड़ियों, सैनिकों और दूध दही के खाने का जिक्र किया गया है। इस गाने के गायक डॉक्टर श्याम शर्मा और कंपोजर पारस चोपड़ा हैं। रोहतक की रहने वाली मालविका पंडित ने इसे डायरेक्ट किया है। बताया जा रहा है कि पहले इस गाने के लिए बॉलीवुड सिंगर कैलाश खेर को चुना गया था। लेकिन कैलाश खेर की आवाज में हरियाणवी टच न होने की वजह से डॉक्टर शर्मा ने इस गाने को गाया है।
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