Bhopal Ambedkar Flyover substandard:भोपाल के गणेश मंदिर से गायत्री मंदिर तक बने डॉ. भीमराव आंबेडकर फ्लाइओवर की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं। 154 करोड़ रुपए की लागत से बने फ्लाइओवर को चालू हुए अभी एक सप्ताह भी नहीं बीता था कि इसकी सड़क पर सीमेंट उखड़ने लगी और लोहे के सरिए बाहर दिखने लगे। मामले के सामने आते ही सरकार ने कार्रवाई की और फ्लाइओवर के निरीक्षण की जिम्मेदारी संभालने वाले दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया है।
दो इंजीनियर सस्पेंड, ठेकेदार पर होगी कार्रवाई
लोक निर्माण विभाग (PWD) के उप यंत्री उमाकांत मिश्रा और प्रभारी सहायक यंत्री रवि शुक्ला को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह दोनों अधिकारी परियोजना के प्रभारी थे। इन दोनों अफसरों के निरीक्षण में ही निर्माण कार्य हुआ था। जांच में सामने आया कि ठेकेदार के बिल बिना सही गुणवत्ता जांचे ही पास कर दिए गए। विभाग ने कार्यपालन यंत्री सेतु निर्माण जावेद शकील और चीफ इंजीनियर ब्रिज को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। साथ ही, निर्माण कंपनी पर अनुबंध के मुताबिक जुर्माना लगाने के निर्देश दिए गए हैं।
अपर मुख्य सचिव ने खुद किया निरीक्षण
पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई ने शनिवार को फ्लाइओवर का निरीक्षण किया। इस दौरान कई गंभीर खामियां उजागर हुईं। जांच दल को क्रैश बैरियर और मुख्य कैरेज के बीच की पटरी बेहद खराब स्थिति में मिली। मुख्य स्लैब की गुणवत्ता भी ठीक नहीं थी, जिससे सड़क पर गड्ढे बन गए थे। इतना ही नहीं, 3 किलोमीटर लंबे 4 लेन के इस एलिवेटेड कॉरिडोर में डिजाइन और स्ट्रक्चरल मजबूती को लेकर भी गंभीर अनियमितताएं पाई गईं।
तेज रफ्तार वाहनों के लिए बना खतरनाक जोन
खराब निर्माण के कारण यह फ्लाइओवर हादसों का केंद्र बन सकता है। सड़क की सतह पर उबड़-खाबड़ संरचना के कारण वाहन असंतुलित हो रहे हैं। कई जगहों पर सड़क की ऊंचाई में असमानता पाई गई, जिससे दोपहिया और चारपहिया वाहन फिसलने का खतरा बना हुआ है। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि समय रहते सुधार नहीं किया गया तो यह फ्लाइओवर गंभीर दुर्घटनाओं का कारण बन सकता है। इसलिए अधिकारियों को जल्द से जल्द सुधार कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं।
निर्माण कंपनी को देना होगा मुआवजा
अपर मुख्य सचिव ने निर्माण कार्य की जिम्मेदारी संभालने वाली निजी कंपनी पर अनुबंध के तहत आर्थिक दंड लगाने का फैसला किया है। इसके अलावा, सभी सुधार कार्य उसी कंपनी को अपने खर्चे पर करने होंगे। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने कंपनी को स्पष्ट निर्देश दिया है कि यदि निर्धारित समय में यह कार्य पूरा नहीं हुआ तो कंपनी को ब्लैकलिस्ट भी किया जा सकता है। इस तरह की लापरवाही को सरकार ने गंभीरता से लिया है और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सख्त नियम लागू करने की बात कही है।
फ्लाइओवर सुधार कार्य जल्द होगा पूरा
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के क्षेत्रीय अधिकारी श्रवण कुमार ने सुधार कार्यों की सूची तैयार की है, जिसे ठेकेदार को अपने खर्चे पर पूरा करना होगा। इसमें सड़क की सतह को दोबारा बिछाने, डिजाइन गैप्स को भरने, सीलेंट लगाने और एक्सीडेंटल जोन को ठीक करने के लिए डिवाइडर तथा रोटरी बनाने जैसे कार्य शामिल हैं। सरकार ने यह भी निर्देश दिया है कि आगे से इस तरह की निर्माण खामियों पर पहले से नजर रखी जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।