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Satta king: मध्यप्रदेश के महू के सट्टा किंग ने ऑनलाइन सट्टा मटका की दम पर करोड़ों का साम्राज्य खड़ा किया। पुलिस और ED अब तक सट्टा किंग की 9 करोड़ की संपत्ति अटैच कर चुकी है। कई चौंकाने वाले राज खुले हैं। सिलसिलेवार जानिए पूरा मामला...।  

Satta king: मध्यप्रदेश में जुए-सट्टे का खेल खूब फल-फूल रहा है। रोज लाखों-करोड़ों के दांव लग रहे हैं। महू के सट्टा किंग (Satta king) ने सट्टे की दम पर करोड़ों का साम्राज्य खड़ा किया। 'धन कुबेर' और 'धन गेम ऐप' बनाकर सटोरिए ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऑनलाइन सट्टा मटका (online satta matka) खेल शुरू किया। कुछ ही वर्षों में सट्टा किंग ने अंतरराष्ट्रीय स्तर गिरोह खड़ा कर लिया। ऑनलाइन मटका सट्टा चलाने की सूचना पुलिस के साथ प्रवर्तन निदेशालय (ED) तक पहुंची। ED के अफसरों ने छापेमार कार्रवाई की। ईडी अब तक सट्टा किंग की 9 करोड़ की संपत्ति अटैच कर चुकी है। ED और पुलिस की कार्रवाई में कई चौंकाने वाले राज खुले हैं। सिलसिलेवार जानिए पूरा मामला...।  

सिलसिलेवार जानिए पूरा मामला 
गुजरखेडा (महू) निवासी लोकेश वर्मा ने इंदौर के सॉफ्टवेयर इंजीनियर मनोज मालवीय से मिलकर 10 लाख में धन गेम और धन कुबेर सट्टा ऐप बनवाया था। इसके बाद दोनों ने ऑनलाइन सट्टे का कारोबार शुरू किया। नौकरी पर लड़कों को रखकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऑनलाइन मटका सट्टे का कारोबार फैला लिया। लोकेश और मनोज ने कई बड़े कारोबारियों को 2% कमीशन का लालच देकर सट्ट़े के कारोबार में शामिल किया। को-ऑपरेटिव बैंक में कई फर्जी खाते भी खोले। सट्टे की दम पर करोड़ों का साम्राज्य खड़ा किया। 

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2020 में सट्टे के कारोबार का हुआ था भंडाफोड़
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चल रहे सट्टा के कारोबार की सूचना महू पुलिस तक पहुंच गई। पुलिस ने अक्टूबर 2020 में गुजरखेडा स्थित एक मकान में छापेमार कार्रवाई सट्टा गिरोह का भंडाफोड़ किया था। पुलिस ने 9 सटोरियों को गिरफ्तार किया था। 1.33 करोड़ रुपए जब्त किए थे। पुलिस ने लोकेश वर्मा, विकास यादव, जितेन्द्र लोवंशी, हेमंत गुप्ता, सोनू गुप्ता, पलाश अभिचंदानी, शुभम कलमें, मुकेश अभिचंदानी और मनोज मालवीय को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने को-ऑपरेटिव बैंक के अफसरों से भी पूछताछ की थी। करोडों रुपए के बैंक खाते फ्रीज कराए थे। 

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9 करोड़ की संपत्ति अटैच 
पूछताछ और जांच पड़ताल में कई चौंकाने वाले राज खुले थे। कार्रवाई के बाद महू पुलिस ने जांच के लिए ईडी को पत्र लिखा था। इसके बाद ईडी की एंट्री हुई। तब से ईडी की टीम लगातार कार्रवाई कर रही है। ईडी ने एक साल पहले मनोज मालवीय और उससे जुड़े अन्य लोगों के ठिकानों पर सर्चिंग की थी। तब 46 लाख नकद मिले थे। मामले में मालवीय के साथ लोकेश वर्मा, अजय रतन राजपूत सहित अन्य शामिल थे। हाल में ED ने ऑनलाइन मटका सट्टा चलाने के मामले में मनोज मालवीय की एक करोड़ की संपत्ति अटैच की। ईडी अब तक 9 करोड़ की संपत्ति अटैच कर चुकी है। 

(Disclaimer: देश में सट्टेबाजी गैर-कानूनी है। यह आर्थिक जोखिमों के आधीन है। इसमें लत लगना स्वाभाविक है। हरिभूमि डिजिटल किसी भी प्रकार की सट्टेबाजी और हार-जीत के दावों को प्रमोट नहीं करता है)

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