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Income Tax Raid: आयकर विभाग (IT) ने शुक्रवार (31 जनवरी) को इंदौर, देवास और राजगढ़ में बड़ी कार्रवाई की है। टैक्स बचत का झांसा देकर फर्जी रिफंड करवाने वाले 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। 15 करोड़ की टैक्स चोरी पकड़ी है।

Income Tax Raid: मध्य प्रदेश में टैक्स बचत के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा हो रहा है। आयकर विभाग (IT) की कार्रवाई में इसका खुलासा हुआ है। IT ने शुक्रवार (31 जनवरी) को इंदौर, देवास और राजगढ़ में दबिश देकर टैक्स बचत का झांसा देकर फर्जी रिफंड करवाने वाले 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए लोगों से 15 करोड़ की टैक्स चोरी का खुलासा हुआ है। आयकर विभाग के मुताबिक, आरोपी अफसर-कर्मचारियों को टैक्स बचत का झांसा देकर डॉक्यूमेंट्स लेते थे। इसके बाद गलत टैक्स रिफंड करवाते थे। सिलसिलेवार जानिए पूरा मामला...। 

फर्जीवाड़ा रोकने कार्रवाई कर रहा आयकर विभाग 
टैक्स प्रैक्टिसनर्स (CA) गलत कटौती और छूट के माध्यम से फर्जी रिफंड्स को बढ़ावा दे रहे हैं। फर्जीवाड़े को रोकने के लिए आयकर विभाग लगातार छापेमार कार्रवाई कर रहा है। शुक्रवार को आयकर विभाग ने देवास में CA, कर सलाहकार, इंदौर में एक पूर्व सैनिक के अलावा राजगढ़ में युवक को पकड़ा है। पकड़े गए लोगों से पूछताछ और जांच पड़ताल में बड़ा खुलासा हुआ है। 

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कहां, कितनी टैक्स चोरी पकड़ी गई
IT ने इंदौर के पास राऊ में CA के यहां से 1300 से अधिक टीडीएस रिफंड के मामले पकड़े हैं। दो साल में इन फर्जी रिफंड से 8 करोड़ की टैक्स चोरी की गई। एक ही ईमेल और आईपी एड्रेस से ऑनलाइन प्रकिया कर फर्जीवाड़े को अंजाम दिया गया। देवास में 5.84 करोड़ की टैक्स चोरी सामने आ चुकी है। राजगढ़ के जीरापुर में भी एक युवक ने 230 रिटर्न फाइल किए हैं और 60 लाख से अधिक की टैक्स चोरी की है। पकड़े गए लोगों के निशाने पर फैक्ट्रियों, सरकारी उपक्रमों और सुरक्षा एजेंसियों में काम करने वाले कर्मचारी हैं।

ऐसे हुआ खुलासा 

  • जानकारों के मुताबिक, 25 से 50 हजार तक के टीडीएस रिटर्न के मामलों में ज्यादा पूछताछ नहीं होती है। इससे अधिक के मामलों में ही दस्तावेज की जांच की जा रही थी। आयकर विभाग ने टैक्स अदाएगी के सरलीकरण के लिए ये व्यवस्था बनाई थी। विभाग ने टैक्स सिस्टम को सरल बनाने के लिए ऑनलाइन प्रकिया अपनाई। लेकिन अब इस पर दुरुपयोग के मामले सामने आने लगे हैं।
  • टीडीएस फाइल करने के साथ रिफंड क्लेम करने वालों की संख्या अचानक बढ़ गई। आयकर विभाग को शंका होने लगी। आयकर विभाग ने जांच की तो पता चला कि एक ही ईमेल और आईपी एड्रेस से भारी संख्या में रिफंड क्लेम के आवेदन किए गए। इन्हें क्लेम मिला भी। अफसरों ने बारीकी से जांच की तो फर्जीवाड़ा सामने आया।

फर्जीवाड़े में बतौर कमीशन मोटी रकम वसूली 
जांच में दिव्यांग कोटे में भी फर्जीवाड़ा होने का पता चला। एक व्यक्ति ने एक साल खुद को दिव्यांग बताया। जब वह टैक्स के दायरे में नहीं था तब उसने खुद को पूरी तरह स्वस्थ बताया। अगले साल फिर दिव्यांग कोटे का फायदा उठाकर टैक्स चोरी की। कई मामले ऐसे भी मामले आए, जिनमें राजनीतिक दलों या एनजीओ को दिए गए डोनेशन के बाद मिलने वाली टैक्स रियायत का गलत तरीके से फायदा उठाया। टैक्स छूट दिलाने वालों ने लोगों से मिलीभगत की और डोनेशन राशि इनके अकाउंट में भिजवाई। आरोपियों ने फर्जीवाड़े में बतौर कमीशन मोटी रकम वसूली है।  

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