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Jabalpur Ajgar Attack: मध्य प्रदेश में जबलपुर जिले के कल्याणपुर गांव में रविवार शाम अजगर ने आदिवासी युवक पर हमला कर दिया। जिससे बचने के लिए वह 20 मिनट तक संघर्ष करते रहे। अंतत: खुद को मौत से बचाने में कामयाब रहे।

Jabalpur Ajgar Attack: जबलपुर के सालीवाड़ा गांव से नाती (भांजी के बेटे) की बारात में मंडला जा रहे कोमल सिंह मरावी उस समय मुसीबत में फंस गए, जब 8 फीट लंबे अजगर ने उन्हें जकड़ लिया। हालांकि, हिम्मत दिखाते हुए उन्होंने अजगर का जबड़ा पकड़ लिया और जोर से खींचने लगे, जिससे न सिर्फ अजगर की पकड़ ढीली पड़ी, बल्कि तकरीबन 20 मिनट तक संघर्ष के बाद खुद को सुरक्षित बचा लिया। बारात में शामिल लोगों ने कुल्हाड़ी से काटकर अजगर को मार डाला। 

घटना रविवार शाम 5 बजे की है। पीड़ित कोमल सिंह मरावी जबलपुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती हैं। उन्होंने बताया कि रविवार शाम 5 बजे सालीवाड़ा से 20 किमी आगे झाड़ियों के पीछे खुले मैदान में शौच के लिए गया था। जहां अजगर ने चारों तरफ से घेर लिया। उसने पीठ के निचले हिस्से पर काट दिया फिर आगे की ओर लपका तो मैंने उसका जबड़ा पकड़ लिया। जिसके बाद उसने मेरी गर्दन को जकड़ लिया। जिससे दम फूलने लगा। मैंने अजगर के जबड़े को जोर से खींचा तो उसका शरीर ढीला पड़ने लगा। लेकिन ज्यादा देर तक उससे संघर्ष करने की हिम्मत नहीं थी। जिस कारण मैंने मदद की गुहार लगाई।

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ऐसी बची कोमल जी जान 

  • आवाज सुनकर पास खड़े अन्य बाराती पहुंचे और डंडे-पत्थर से अजगर को अलग करने की कोशिश की, लेकिन वह अपनी जकड़ और मजबूत करने गला। कुछ लोग आनन-फानन में कुल्हाड़ी लेकर आए और उस पर हमला किया। तब कहीं जाकर मैं मौत के मुंह से बाहर निकल पाया। 
  • कोमल सिंह मरावी ने बताया कि पूरे घटनाक्रम के दौरान मैंने पलभर के लिए भी डरा नहीं। मैं थोड़ा भी डर जाता या हिम्मत हार जाता तो जिंदा नहीं बच पाता। गांव के इतने लोग साथ में थे, इसलिए हौसला था कि मरूंगा तो नहीं। यह लोग किसी न किसी तरह से बचा ही लेंगे। 
  • कोमल सिंह फिलहाल, जबलपुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती हैं। सर्पदंश के बाद उन्हें इंफेक्शन हो गया था। जिस कारण दो दिन आईसीयू में रहे। अब जनरल वार्ड में उपचार जाारी है। 

अजगर के दांत होते हैं न जहर 
दुनिया भर में सांप की ढाई हजार प्रजातियां हैं। इनमें से अजगर आकार में तो काफी बड़ा होता है, लेकिन अन्य सांपों की तरह न तो इसके नुकीले दांत होते हैं और उतना जहरीला होता। शिकार को यह अपने शरीर से बुरी तरह जकड़ लेता है और हडि्डयां तोड़ देता है। गर्दन दबाकर सांसें रोक देता है। और फिर जबड़े से चबाकर निगल जाता है। अजगर के पेट में एसिडिक एंजाइम होता है, जिसके चलते शिकार गलने लगता है और जल्द पच जाता है। 

वन विभाग ने कराया अंतिम संस्कार 
डिप्टी रेंजर मुकेश कुशवाहा ने बताया कि ग्रामीणों से घटना की सूचना मिली थी। जिसके बाद स्टाफ के साथ मौके पर पहुंचा तो वहां अजगर मृत पड़ा था। ग्रामीणों ने बताया, युवक की जान बचाने के लिए उसे मार गया है। पंचनामा बनाकर अजगर का अंतिम संस्कार करा दिया गया है। 

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